नोएडा में धारा 144 लागू।
दिल्ली से सटे नोएडा में लागू धारा 144
राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में पुलिस प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है और यह मार्च 31 तक लागू रहने वाली है । गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट ने ये जानकारी दी है।होली फेस्टिवल के इतिहास को देखते हुए और कोरोना से एहतिहात बरतने को ध्यान में रखते हुए यह कदम सुरक्षा के लिहाज से उठाया गया है । सुरक्षा के लिहाज से यह कदम तो ठीक ही लग रहा है ,लेकिन क्या यह आम जनमानस के लिहाज की दृष्टी से भी ऐसा ही है ? क्योंकि इस कानून के लागू होने के बाद चार व्यक्ति या उससे अधिक लोगो का समूह एक जगह एक साथ एकत्रित नही हो सकता ।
लेकीन हमने अब तक जैसा की देखा है कि होली के फेस्टिवल पर जिस तरह से अप्रिय घटनाएं घटती है और लोग उसका शिकार हो जाते है फिर चाहे दिल्ली हो या यूपी या फिर एमपी अखबार और समाचार के माध्यम से हम होने वाली कई अप्रिय घटनाओं को पढ़ते और सुनते है । जो पुलिस प्रशासन और अधिकारियों के लिए भी काफी चुनौती भरा काम होता है ।इसमें आपकी राय क्या है?
होली पर आप होली रंग और गुलाल और गुझिया व शरबत जैसे पकवान और व्यंजन और परिवार संग ही मनाएं। और किसी अप्रिय घटना को निमत्रण देने से बचे। और किसी ऐसे शख्स के साथ होली न खेले जो आपके साथ होली खेलने का इच्छुक न हो आप अपनी खुशियों के साथ दूसरो की भावनाओ का भी रखे ख्याल और होली पर नेचुरल रंग का ही करे इस्तेमाल।
आइए जाने भारतीय धारा 144 के बारे में सतही जानकारी के बारे में।
भारतीय अधिनियम 144: पुलिस द्वारा उपयोग
मुझे बताओ भारतीय अधिनियम 144 क्या है जब पुलिस इसका उपयोग कैसे करती है?
भारतीय अधिनियम 144 भारत में एक कानूनी प्रावधान है जो कानून प्रवर्तन अधिकारियों को एक विशिष्ट क्षेत्र में चार या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाने का अधिकार देता है। इस प्रावधान का उपयोग अक्सर कानून और व्यवस्था बनाए रखने, अपराधों को रोकने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है।
पुलिस भारतीय अधिनियम 144 का उपयोग उन स्थितियों में कर सकती है जहां उनका मानना है कि लोगों का जमावड़ा सार्वजनिक व्यवस्था और सुरक्षा के लिए खतरा है। उदाहरण के लिए, यदि साम्प्रदायिक हिंसा का खतरा है या यदि लोगों का एक बड़ा समूह किसी विशेष क्षेत्र में गड़बड़ी पैदा कर रहा है, तो पुलिस भीड़ को तितर-बितर करने और किसी संभावित नुकसान को रोकने के लिए इस प्रावधान का उपयोग कर सकती है।
एक बार भारतीय अधिनियम 144 लागू हो जाने के बाद, निषिद्ध सभा में भाग लेकर किसी के लिए भी आदेश का उल्लंघन करना एक दंडनीय अपराध बन जाता है। आदेश का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा सकता है और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।
यह ध्यान देने योग्य है कि भारतीय अधिनियम 144 को लागू करना भारतीय संविधान के तहत कुछ सीमाओं और सुरक्षा उपायों के अधीन है। आदेश एक सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया जाना चाहिए, और यह कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा किसी भी मनमानी या शक्ति के अत्यधिक उपयोग को रोकने के लिए उचित आधार पर आधारित होना चाहिए। इसके अतिरिक्त, व्यक्तियों को अदालत में आदेश को चुनौती देने का अधिकार है यदि वे मानते हैं कि यह अनुचित और गैरकानूनी है।