Islam ke tisare Khalifa Umar Farooq . इस्लाम के तीसरे खलीफा उमर फारूक आजम 2023
क्या
आप इस्लाम के तीसरे खलीफा हजरत उम्र फारूक के बारे में जानते है ?
दुनिया में लोग अक्सर इस्लाम के बारे में
जानकारी चाहते है और दुनिया का सबसे तेजी से फ़ैलाने वाला धर्म इस्लाम है और लोग इसके
बारे में जितनी ज्यादा जानकारी हासिल हो सके जानना चाहते है | इस्लाम दीन से ताल्लुक
रखने वाले भी शायद बहुत कम ही इस्लाम की जानकारी रखते है | आज हम अपने इस लेख में
इस्लाम के तीसरे सबसे अहम् खलीफा हजरते उम्र फारूक के बारे में जानेगे हालंकि कुछ
लोग उनके निजी जिंदगी को थोडा बहुत जानते हो पर शायद कुछ लोग उनके इन्साफ और उनके
मुसलमान होने जाने के बारे में बहुत कुछ जानने कि ख्वाहिस रखते हो |
हजरते
उमर फारूक आजम
आपको जानकर हैरानी होगी की जो शख्स मोहम्मद साहब
के दीन के शख्त खिलाफ थे बाद में अल्लाह
ने उन्ही के हाथो से इस्लाम को दुनिया में फैलाने का काम लिया | जो शख्स मोहम्मद साहब
के कतल का मंसूबा रखता था वही बाद में दौरे जाहिलियत से निकल कर इस्लाम में दाखिल
हो गया और और अल्लाह और उसके रसूल ने दीन के काम में उससे काम लिया | जो इस्लाम
में दाखिल होने वाला चालीसवा शख्स था | और इस्लाम की दावत कबूलने के बाद इस्लाम के
मोहम्मद साहब के चाहिते और इस्लाम के तीसरे खलीफा बने और अमीरुल मुमीनीन बने | और जिसे आल्लाह के रसूल मोहम्मद शाहब ने फारूक
का लक़ब दिया | जिसके माने हक को बातिल से अलग करने वाला होता है | जाहिलियत के
ज़माने में
हजरते उमर फारूके आजम के वालिद कौन है ?
आमिरुल मुमीनिन हजरते उमर फारूक आजम के वालिद
कुरैश रुअसा में से थे | कबीले अदिया और बनु
अब्दुशम्स में जद्दी पुश्ती अदावत चली आ रही थी | अब्द्शम्स का कबीला बड़ा था इसलिए
गलबा भी उन्ही को हासिल था | हजरते उम्र फारूक आजम के वालिद बुत परस्हती में बड़े
मुशादिद थे जिसके चलते वह हमेशा के लिए इस्लाम की दौलत से महरूम हो गए | जबकि उनके
चचा यानी हजरते उमर के वालिद के भाई हजरते सय्यिउदना जैद बिन अम्र बिन नुफैल बहुत
ही नेक और परहेजगार शख्स थे |
हजरते उमर फारूक और की पैदाइश
हजरते उमर फारूक आमूल फील के तेरह साल बाद पैदा
हुए | आपके पैदाइश की तारीख
583 इसवी तकरीबन 41 कबले हिजरत है | हजरते सय्युदना सिद्दिके अकबर आमूल फील के ढाई साल बाद पैदा हुए | और आप रासुल्लाह से तकरीबन 13साल
छोटे थे |
हजरते उमर फारूक आजम क्या करते थे ?
हजरते उमर यानी के अमीरुल मोमीन बचपन में ऊंट चराया करते थे आप जिस मैदान में
ऊंट चराया करते थे उसका नाम जज्नान था जो
मक्का मुक्रर्म्मा से तकरीबन पंद्रह मील दूर था | और बताते थे कि उनके वालिद बड़े ही शख्त मिजाज
इंसान थे | और उनसे बेहत ही कसरत के साथ काम लिया करते थे | बाद में वह बड़े होकर
तिजारत किया करते थे | जैसा कि मक्का के अधिकतर लोग तिजारत ही करते थे | कुछ जानकार
लोग कहते है कि वह चमड़े का कारोबार करते थे |
जब
आपने जवानी में कदम रखा तो आपने सबसे पहले खयला किया की पढना लिखना चाहिए | लिहाजा
आपने पढना लिखना सिख लिया | आप मक्का के उन चुनिदा लोगो में शुमार थे जो पढना
लिखना जानते थे |
हजरते उमर फारूक के नसब यानी के खानदान
हजरत उमर फारूक अमीरुल मोमीनीन ने अपने जिंदगी में कम से कम दस शादिया
की थी , जिनसे उनका खानदान बहुत ही बड़ा था | अमीरुल मोमीनीन के पहली खातून यानि के
बीबी का नाम हजरते सय्युदना जैनब बीनते मजउन से हुआ था | जिनसे आपको हजरते अब्दुर्र्हान
अकबर और हजरते सय्युदना अबुल्लाह बिन उम्र हुए |
दूसरी बीबी :
हजरते अमीरुल मोमीनीन का दूसरा निकाह हजरते सय्युदना जमीला बीनते साबित बिन अक्लह
से हुआ था | उनका नामआसिया हुआ करता था ज़माने जाहिलियत के दौर में | इनसे आपको एक औलाद
सय्युदना असीम पैदा हुए |
तीसरी बीबी: अमीरुल
मोमीनीन का तीसरा निकाह हजरते सय्युदना फातिमुल्जहरा और मौला अली शेरे खुदा की
लाडली शहजादी हजरते सय्युदना उम्मे कुलसुम बीनते अली बिन अबी तालिब से हुआ | जिनके
निकाह में आपने चालीस हजार दिरहम अदा किया | और आपको उनसे दो औलादे हुयी | बेटे का
नाम जैद अकबर और बेटी हजरते सय्युदना रुकैया है |
चौथी
बीबी: अमीरुल मोमीनीन का चौथा निकाह मुलैका बीनते जरवल
बिन खुजैय्या से हुआ |
पांचवी
बीबी:हजरत उम्र फारूक का पांचवा निकाह कुरैबा बीनते
अबू उमैया से हुआ |
छठी
बीबी: उमर फारूक का छठा निकाह हजरते सय्युदना उम्मे
हाकिम बीनते हरीसा से हुआ था |
सातवी
बीबी: उमर फारूक का सातवा निकाह हजरते सय्युदना
आतिका बीनते जैद बिन अम्र बिन नुफैल से हुआ |
आठवी
बीबी: हजरते अमीरुल मोमीनीन फारूक आजम ने आठवा निकाह
हजरते सय्युदना सईदा बीनते राफेया बिन उबैदुल्लाह से हुआ |
नौवी
बीबी : हजरते सय्युदना उम्र फारूक आजम ने नौवा निकाह
फकीहां से की जो कि हजरते अमीरुल मोमेनीन की बांदी थी |
दसवी
बीबी: हजरते
सय्युदना लहिआ येह भी हजरत अमीरुल मोमेनीन की बांदी थी |