ग्वालियर म्यूजिक का सिटी म्यूजिक ऑफ सिटी 2023
टैगोर मध्य प्रदेश की गोद में बसा एक साहित्य शहर है जिसे संगीत नगरी के नाम से भी जाना जाता है। भारत के मध्य में बसा राज्य मध्य प्रदेश का एक जिला है जो दिल्ली से करीब 300 से 350 किमी की दूरी पर मोरार नदी के किनारे बसा एक सुन्दर और शांत शहर है। इस शहर को दो चीजों के लिए जाना जाता है जिसे पहला गोपांचल पर्वत पे बसा पकड़ का किला भारत के सूर्य सेन पाल कच्छवाहा की गौरव गाथा कहते हैं। और दूसरे महान संगीतकार तानसेन इसी धरती का अनमोल रत्न है। जिसका संगीत सुनकर मनुष्य क्या पशु पंक्षी भी नृत्य करने के लिए व्याकुल हो गए थे। 2011 की जनगणना के अनुसार इस जिले की कुल आबादी 20 से 20 लाख है।
इस शहर के इतिहास पर नजर तो यहां पर मराठा और मुगलों के ब्रिटिश शासकों के अलावा कई अन्य शासकों ने भी शासन किया है। इस शहर का नाम कैसे पड़ा पड़ा यह एक बड़ी ही विचित्र कहनी है। जानकर कहते हैं कि शहर के नाम के पीछे एक इतिहास छुपा हुआ है। सोलहवीं शताब्दी में एक राजा सूरजसेन पाल कछवाह, एक बार उनकी अज्ञात बीमारी से मृत्यु हो गई थी, तब ग्वालिपा नामक सन्त ने उन्हें ठीक कर जीवनदान दिया था। पालन के सम्मान में इस शहर की आच्छादित है और इसका नाम रखा गया है। कहा जाता है कि, सनरसेन पाल के 83 वंशजों ने किले पर राज्य किया, लेकिन 84 वें, जिसका नाम करण था, उसे हार मिली। अज्ञात का प्राचीन नाम गोपराष्ट्र है, इसका इतिहास अत्यंत प्राचीन है।
कहते हैं महत्व अधिक ही अधिक। बड़ी आबादी वाले इस शहर की समस्या भी बड़ी है। मध्य प्रदेश में कुल 230 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। और शिकायत में कुल 6 विधान सभा क्षेत्र हैं। मे शामिल है 1ग्वालियर 2ग्वालियर देहात 3 पूर्व जिन 4 टैग दक्षिण 5 डबरा 6 अंतर्वार। मध्य प्रदेश में अब तक कुल 19 सदस्य बने हैं। 2005 से अब तक इसके मुख्य मंत्री बने रहने का संकल्प शिवराज सिंह चौहान प्राप्त हुए। जो मध्य प्रदेश के सबसे लंबे समय तक मुख्य मंत्री के रूप में अपना नाम रखता है। हालन के 20018 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को हार का सामना करना पड़ा पड़ा पड़ा पड़ा पड़ा पड़ा पड़ा हुआ 10 मार्च 2020 को शर्म के अंतिम महाराज के रुपये जाने वाले ज्योदित्य राज सिंधिया ने कांग्रेस अपना इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया और यहां राजनीतिक संकट पैदा हुआ के लिए भी।के कुछ खुलासे पर भी उपचुनाव हुआ। इसकी वजह से बीजेपी ने चौथी बार जीत हासिल की है
जिज्ञासु शहर में कई बड़े विश्व विद्यालय हैं।ग्वालियर में जीवाजी विश्वविद्यालय (1964) और इससे संबंधित कला, विज्ञान, वाणिज्य, चिकित्सा और कृषि आय और नगर में साक्षरता दर सबसे अधिक है। अजरोगी संगीत की यशस्वी परंपरा चल रही है और उनकी अपनी खास शैली है। जो टैगलाइन 'घराना' नाम से प्रसिद्ध है।
जीवाजी विश्वविद्यालय, विज्ञान
लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन
माधव प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान
राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय
वास्तविक बिहारी सूचना भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान
राष्ट्रीय पर्यटन संस्थान, संग्रहालय
प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान, अनुसंधान
एमिटी यूनिवर्सिटी, शिकागो
आई टी एम विश्वविद्यालय, पर्यावरण
सिंधिया कन्या विद्यालय, विचार
आई आई आई टी एम, मैं
रुस्तमजी प्रौद्योगिकी संस्थान, टेकनपुर
श्री रामनाथ सिंह ने कहा, तर्क
अगर आप यन्हा घुमने आना चाहते तो अक्टूबर से फरवरी का महीना में आए इसलिए क्योंकि इस शहर में तेज गर्मी रहती है। और यहां घूमने के लिए बहुत से दर्शनीय स्थल और स्मारक हैं। जिनमे गोपांचल पर्वत पर बसा किला, सास बहू मंदिर, जय विलास पैलेस संग्रहालय, गोपाचल पर्वत, मेरा चिड़िया घर, तानसेन का मकबरा, विवस्वान सूर्य मन्दिर, रानी लक्ष्मीबाई स्मारक, आदि के दर्शनीय स्थलों में शुमार है। यह शहर, सड़क, वायु तीनो मार्गो से अच्छी तरह से छाया हुआ है आप अपनी सुविधा के अनुसार यहां किसी भी माध्यम से घूमने के रेल से आ सकते हैं। ये लोग अप्रैल के समय में ठगे हुए महसूस कर रहे थे कि वे गर्मी से परेशान और अनफिट होने का अनुभव कर रहे थे।
और वैसे शहर के अंदर के लिए तो यह सेवा अछी लगी लेकीन थोडा आउटर के लिए बाइक की स्थिति उतनी भी अच्छी नही यह मेरा इस शहर के साथ पहला अनुभव था जो ठीक ठाक ही था।