who was the first women to accept islam? jaane duniya ki pehali mahila ke baare me jisane islam kaboola 20023
who was the first women to accept islam ? जाने दुनिया की पेहली औरत के बारे में जिसने इस्लाम कबूल किया 2023
जाने दुनिया की सबसे पहली
औरत जिसने इस्लाम कबूल किया |
आप पढ रहे है fm delhi का आर्टिकल इतिहास
की गोद में ,आज हम मोहम्मद साहब के
शिक्षा पाने और इस्लाम के पैदा होने के बारे में पढेंगे इस से पहले दो लेख में
मैंने आपको मोहम्मद साहब के जन्म और उनके खानदान और बीवी और बच्चो के बारे में
जानकारी दी आज के इस आर्टिकल में हम यह
जानेगे कि कब मोहम्मद साहब ने नबूवत पाई और कब अपने आप को अल्लाह का रसूल होने का
दावा किया |
जब आपकी उम्र चालीस साल
हुई तो इंसानियत की सुबह नमूदार हुई और सआदत तुलुअ हुई | अल्लाह हमेशा अपने बन्दों
का ख्याल रखता और जब इन्सान गर्क में गिरने लगता है तो वह किसी नेक बड़े को अपना
महबूब या नबी बना कर इंसानों के इस्लाह के लिए उनके दरमियान भेजता है |
और फिर आपके साथ अजीबो
गरीब वाक्या पेश आने लगे जो बात सबसे पहले सामने आई वो यह थी की आपको सच्चे सपने
आने शुरू हुए जो ख्वाब आप रात को देखते वह सुबह की रोशनी के सामान सच्चे साबित
होते थे | इस तरह से आप लोगो से अलग रहने
लगे और अकेले दिन गुजरने लगे आप अपना
ज्यादा समय गारे हिरा में बिताते कभी कभी कई राते और दिन आप उस गारे हिरा
में गुजार देते |
आप घर से कुछ खाने का बंदोबस्त करके गारे हिरा में इब्राहिमी तरीके से अल्लाह की
इबादत में व्यस्त रहने लगे जो आपको सीधा
अल्लाह से जोड़ने वाला मार्ग बन गया |
इसी प्रकार से आप गारे
हिरा में तशरीफ़ ले जाते रहे, एक बार वह घडी भी आ गई जिसमे आपको नबुवतमिलनी थी आपके
जन्मे के इक्तालिसवे बरस रमजान की 16 तारीख साल 610 हिजरी सन था आप गारे हिरा में थे एक फ़रिश्ता
आया और कहा की इकरा यानि के पढो आपने
फ़रमाया कि मुझे पढ़ने नहीं आता | आपने
फ़रमाया कि उस फ़रिश्ते ने मुझे पकड़ा और दबोचा मैंने उस्की तकलीफ को महसूस किया |
फिर मुझे छोड़ दिया और फिर बोला इकरा आपने फिर फ़रमाया की मै पढ़ा नहीं हु उसने फिर
आपको दबोचा और आपने उसके तकलीफ फिर महसूस की और फिर तीसरी बार भी यही हुआ |
उसने कहा इकरा बिस्मि
रब्बिकल्लजी खलक , खलकल इन्सान मिन अल्किन , इक्रुआ व रब्बुकल अक रम अल्लजी अल्लम
बिल कलमि अल्लमल इन्सान मालाम यालम जिसका मतलब यह हुआ की “ए मोहम्मद अपने पैदा
करने वाले का नाम लेकर पढ़ जिसने दुनिया को पैदा किया है|” जिसने इन्सान को खून की
एक फुटकी से पैदा किया |पढो तुमहरा पैदा करने वाला बड़ा ही करीम है| जिसने इन्सान
को कलम के जरिये शिक्षा दी और मनुष्य को वह बताया
जो वह इस से पहले नहीं जनता था |
यह नबुवत का पहला दिन था
और यही वह कुरान की पहली आयात थी |
आपके और हजरत खदीजा के घर का वाक्या
इस घटना से आप बुरी तरह
से दर गए इसलिए की ऐसी घटना न तो आपके साथ पहले घटी और न आपने ऐसी बात सुनी थी कि
नुबुवत और नबियो का वकफा अरब में बड़ा लम्बा
हो गया था | इसलिए आपको खतरा महसूस हुआ | आप इस हालत में तशरीफ़ लाये कि आपका बदन मारे डर के
कंपकपा रहा था | और आप कह रहे थे कि मुझे कुछ उठाओ | मै खतरा महसूस कर रहा हु|
जब हजरत खदीजा ने आपको इस
हालत में देखा तो वह बहुत परेशान हुई और उन्होंने इसके पीछे की वजह जानना चाही तो
अपने सारा किस्सा कह सुनाया | हजरत खदीजा बुध्दिमान और एक समझदार खातून थी |
उन्होंने पहले से ही नबुवत, नबियो और फ़रिश्तो के बारे में सुन रखा था | वह अपने
चाचा के लडके वर्काबिन नौफेल की जियारत करती थी और जो इसाई हो गए थे और जिन्होंने
आसमानी किताबो का पुरा अध्धयन किया था और इंजील और तौरात वालो के साथ उनका उठना
बैठना था |
जब वह आपके अख़लाक़ और
वव्हार , आदत को देखा तो उन्हें यकीं हो
चला कि आप अल्लाह के चुने हुए बन्दे है |आपकी
सीरत पसंदीदा सीरत थी और जो भी आपके ऐसे
अख़लाक़ और सीरत का मालिक होगा उस पर शैतान ,जिन का जादू का परभाव का दर नहीं और यह बात अल्लाह के कानून उसकी दया ,हिकमत
,मोहब्बत के विरुद्ध है उन्होंने बड़े ही विश्वास की साथ यह कहा कि -
हरगिज नहीं खुदा की कसम
अल्लाह आपको कभी जलील और बेइज्जत नहीं करेगा | आप रिशते जोड़ते है और दूसरो का बोझ
उठाते है ,मोहताज के काम आते है ,मेहमान की मेहमानदारी करते है | और विपत्ति में दूसरो की सहायता करते है |
वरका बिन नौफेल के घर
का वाक्या ?
हजरत खदीजा ने अपने शौहर
मोहम्मद साहब की तबियत और तब्दीली को लेकर काफी हैरान औरपरेशान हुई और उन्होंने उन्हें आने चचाजाद भाई वरका बिन
नौफेल के पास ले जाने का फैसला किया
क्यूंकि वह काफी जानकर थे और पैगम्बर और उनके बारे में जब हजरत खदीजा मोहम्मद साहब
को उनके घर लेकर पहुँची तो आपने सारा
किस्सा बयान किया वरका बिन नौफेल के सामने|
तो वरका बिन नौफेल ने
हैरानी से पूछा कि क्या आपके पास वही फ़रिश्ता आया था जो हजरत मूसा के पास आया था ?
आप ने फ़रमाया हाँ उन्होंने कहाँ कि आपकी कौम आपको नबी होने से छुटला देगी और आपको
सताएगी | आपको बेघर करेगी और आपसे जंग करेगी |
जब आपने यह बाते सुनी तो
आपको हैरानी हुई और कहा कि क्या यह लोग मुझे निकाल देंगे इस हालत में कि वो मेरी
हैसियत जो कुरैस में है जानते है | मुझे आमीन की हैसियत से जानते है | मुझसे सादिक
की लकब से याद करते है | आपने बड़ी ही हैरत से फिर पूछा कि क्या ये मुझे निकाल
देंगे ?
वरका बिन नौफेल ने कहा
हाँ जो बात तुम कह रहे हो और जो तुम लाये
हो ऐसी बाते जो भी आया उसको लोगो ने स्वीकार नहीं किया उससे दुशमनी की उससे लड़ाई
की जिस दिन आपकी कौम आपका विरोध करेगी और
उस दिन तक जिन्दा रहा तो आपकी मै भरपूर मदद करूँगा |
एक वक़्त तक वह्य नहीं आई
यानि के सच्चे सपने फिर आप पर मुसलसल कुरान आना शुरू हुआ |
हजरत खदीजा का इस्लाम
लाना |
हजरत खदीजा औरतो में सबसे
अव्वल मुसलामन होने वली औरत है | हजरत खदीजा ने आपकी हर जगह हिमायत की और जो काम आपको
कष्ट पहुंचता था वह उसको कम करने का हमेशा कोशिश करती और वह हमेशा आपको आपके काम
में मदद करती और आपका हौसला बढाती |