आइए जाने देश के आज़ादी के बाद से अब तक कि कुल पंचवर्षीय योजनाओ के बारे में 2023
अब तक देश में कुल पंचवर्षीय योजनाओं के बारे में जानकारी । आईए जानें।
पंचवर्षीय
योजना |
हर किसी शख्स कि जुबान पर इन दिनों सिर्फ एक ही नाम चढ़ा रहता है फिर
वह चाहे सत्ता पार्टी और या फिर विपक्ष या फिर जनता आइये जानते है | क्या आप
पंचवर्षीय योजना के बारे में जानते है ? हम में से अधिकतर लोग इस शब्द से परिचित
होंगे जिन्होंने ने सोशल साइंस या सामाजिक विज्ञानं का अध्यन किया होगा और शायद
कुछ लोग न भी जानते हो आज हम पंचवर्षीय योजना के बारे में जानेगे | सरल शब्दों में
मैं आपको बता दूँ किपंचवर्षीय योजना क्या है ? जब कोई देश अपने आपको विकसित देश
बनाने के ऊपर काम करता है तो वह कुछ योजना और लक्ष्य का निर्माण करता है उसकी के
आधार अनुरूप काम करता है उसी को योजना कहते है पंच का अर्थ पंच साल से है यानी जब
कोई सरकार देश के विकास में उन्नति कि कोई घोषणा करता है तो वह उस योजना पर चरण
बध्द तरीके से काम करता है और ऐसी ही निति को भारत अपने देश को विकसति करने के
पंचवर्षीय योजना के अनुसार काम करता है | आइये जानते है कि भारत ने अब तक कुल
कितने पंचवर्षीय योजना बनाई है | और पहली पंचवर्षीय योजना कि शुरुआत कब से हुई
है?
पहले इसको योजना आयोग के नाम से जाना जाता था लेकिन अब यह निति आयोग
हो गई है जबसे प्रधान पंत्री नरेद्र मोदी कि सरकार ने सत्ता संभाला है तबसे इसका
नाम निति आयोग हो गया है |
पहली पंचवर्षीय योजनां : पहली पंचवर्षीय योजनां कि कार्य –अवधि 1 अप्रैल सन 1951 ,से 31 मार्च , सन 1956 तक कि रखी गई | इस
योजना का अकार छोटा था क्यूंकि उसी समय भारत
आजाद ही हुआ था | और उसका मुख्य उद्देश देश विभाजन से उत्पन्न असंतुलन को दूर करना
था | पहली योजना के लिए स्वीकृत व्यय राशी केवल 2378 करोड़ रुपये थी | इसके अंतर्गत कृषि विकास पर
विशेष बल दिया गया था | भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू कि अध्यक्षता
में , और अब तक कुल 12
पंचवर्षीय योजना का आयोजन किया जा चूका है |
दूसरी पंचवर्षीय योजना : दूसरी पंचवर्षीय योजना(1956-1961) इस
योजना का मुख्य लक्ष्य तीव्र औधोगिक विकास रखा गया | रोजगार अवसरों में वृद्धि के
लिए श्रम –प्रधान उद्योगों पर भी यथोचित बल दिया गया | और दूसरी पंचवर्षीय योजना
के लिए राशी थी 4500
करोड़ रुपये | क्यूंकि जवाहर लाल नेहरू सन 1947 से लेकर अपने मृत्यु काल तक भारत के प्रधान
मंत्री रहे यानि के सन न 1964
तक
तीसरी पंचवर्षीय योजना: तीसरी
पंचवर्षीय योजना (1961-
1966) इस योजना के समय
प्रधानमंत्री पद लाल बहादुर शस्त्री थे इस
योजना का मुख्य उद्देश्य ये था | राष्टीय आय में पंच परतिशत वार्षिक वृद्धि
प्राप्त करना , खाद्द्यानो में आत्मनिर्भरता लाना , बेरोजगारी दूर करना , आधारभूत
उद्योगों विशेषकर मशीनी निर्माण कि क्षमता को बढ़ाना |
वार्षिक योजनाऐ(1967-69) 1962 में चीन के आक्रमण और सन 1965 में भारत पाक
युद्ध में युद्ध होने के कारन पर्तिर्क्षा में अपार वृद्धि प्राप्त हुई | तीन
वर्षो तक तीन वार्षिक योजनाए चलाई गई जिन पर कुल मिलाकर 6626 करोड़ रुपये व्यय
किये गए | भारत पाक युद्ध उन्ही के शासन काल में हुआ था जिसके चलते देश में एक दर
का माहोल बना था और देश उस समय भी खाद्य समस्या से जूझ रहा था | और शास्त्री जी का सन 1965 में ही आकस्मिक निधन हो गया |
मियामी के समनद्र में तैरती भारतीय नागिन।
चौथी पंचवर्षीय योजना: चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-1974) चौथी योजना के समय इंदिरा गाँधी प्रधान मंत्री के पद आसीन थी
और सत्ता कि बाग़ डोर उनके हाथ में थी और वह एक सहासी महिला प्रधान मंत्री थी भारत
देश कि और इस समय इस योजना का मुख्य लक्ष्यों में शामिल थे उत्पादन में वृद्धि
लाना, आर्थिक स्थिरता कायम करना , आतम निर्भरता , सामाजिक न्याय और रोजगार में
वृद्धि | इस योजना के लिए 24882
करोड़ रुपये कि राशी का आवटन हुआ |
पांचवी पंचवर्षीय योजना : पांचवी पंचवर्षीय योजना (1974-79) इस योजना में दो मुख्य उद्देश्य शामिल किये गए
थे – गरीबी का उन्मूलन और आत्मनिर्भरता ,और इस योजना के लिए कुल राशी का आवटन 63770 करोड़ रुपये हुआ
था |
छठी पंचवर्षीय योजना : छठी पंचवर्षीय योजना (1980-85) इस योजना के लिए
वास्तविक राशि 1,09,291
करोड़ रुपये रखी गयी और इसका मुख्य लक्ष्य थे | उर्जा संसाधनों का
तेजी से विकास , क्षेत्रीय असमानताओ में कमी लाना यानि कि गरीबी कम करना , नई
टेक्नोलॉजी और अधुनिकिकारण गतिविधियों में तेजी लाना |
सातवी पंचवर्षीय योजना :सातवी पंचवर्षीय योजना(1985-90) इस योजना में
तीन विशेष बातो पर बल दिया गया था | रोजगार के अवसर जुटाना , कृषि उद्योगों कि
उत्पादन क्षमता में वृद्धि , खाद्यान्नों में आत्मनिर्भरता | इस योजना के लिए कुल
राशी का आवटन हुआ था 1,80,000
करोड़ रुपये |
आठवी पंचवर्षीय योजना : आठवी पंचवर्षीय योजना (1992-97) दिसम्बर सन 1989 में राष्टीय मोर्चे कि सरकार बनी और दिसम्बर
सन 1990 में
चंद्रशेखर जी ने प्रधानमंत्री का पद समभला | मई जून में सन 1991 में दसवी लोक
सभा के चुनाव हुए , राष्टीय मोर्चा सरकार ने आठवी योजना का प्रारूप तैयार किया ,
जो नई सरकार को पसंद नहीं आया | इसलिए जो आठवी योजना सन 1990 में शुरू होनी
थी वह अप्रैल सन 1992 को
शुरू हुई थी |
आठावी योजना कि कुछ प्रमुख विशेताए इस प्रकार थी – स्वास्थ्य ,
साक्षरता और लोगो कि बुनियादी जरूरते पूरी कि जाऐ , जिनमे पेयजल , आवास और कमजोर
वर्गों के लिए कल्याण कार्यकर्म शामिल थे | ग्रामीण इलाको में रोजगार का विशेष
ध्यान रखा गया , तथा वितीय अंसतुलन को सुधारने का प्रयास किया गया | आठवी योजना पर
7, 98,000 करोड़ रुपये के निवेश का आयोजन था |
नौवी पंचवर्षीय योजना
दसवी पंचवर्षीय योजना : दसवी पंचवर्षीय योजना (2002-2007 ) इस
योजना के अंतर्गत इन लक्ष्यों को शामिल किया गया , प्रति वर्ष 8% सकल घरेलु
उत्पाद कि वृद्धि प्राप्त करे |
2007 तक गरीबी दर में 5% कि
कमी करने का लक्ष्य शामिल किया गया |कम से कम श्रम शक्ति को जोड़ने के
ग्यारहवी पंचवर्षीय योजना: ग्यारहवी
पंचवर्षीय योजना (2007-2012) इस योजना का कायर्काल प्रधान मंत्री मनमोहन
सिंह के हाथो में था | इसका उद्देश 2011-12 तक 28-23 वर्ष
आयु वर्ग के उच्च शिक्षा में नामाकन में
वृद्धि करना था | इस योजना के अन्तरगत दूरस्थ शिक्षा , औपचारिक , गैर – औपचारिक ,
दूरस्थ और आईटी शिक्षा संस्थानों कि और ध्यान दिया | गरीबी रेखा को कम करने का
लक्ष्य और तेजी से विकास को गति देना शामिल रखा , लैंगिक असमानता में कमी ,
पर्यावरण स्थिरता ,कृषि , उद्योग और सेवाओ में वृद्धि दर को क्रमश 4% , 10% और 9% तक बढ़ाना , कुल प्रजनन दर को घटाकर 2.1 कर
देना | 2009 तक सभी के लिए साफ पेयजल उपलब्ध करना , कृषि
विकास दर को चार परतिशत तक बढ़ाना |
बारहवी पंचवर्षीय योजना :बारहवी पंचवर्षीय योजना (2012-17) इस
योजना के अंतर्गत शामिल उद्देश्य ,
इस योजना में सालाना दस फीसदी कि आर्थिक
विकास दर हासिल करने का लक्ष्य रखा गया |
इसी दौरान वैश्विक आर्थिक मंदी आई जिसका असर भारतीय अर्थ्वाव्स्था पर भी पड़ा जिसके
चलते विकास दर 9 कि जगह घटाकर
8-1% करने
का लक्ष्य रखा गया |इस योजना के अंतर्गत विशिस्ट पहचान संख्या के माध्यम से
सब्सिडी युक्त नगद भुक्तान हस्तांतरण को सुलभ बनाना और कृषि क्षेत्र में विकास दर को 4% तक प्राप्त करने
का लक्ष्य रखा गया | साथ ही गरीबी को 10% कम करते हुए विकास कार्य करने का लक्ष्य रखा गया
|
और वर्त्तमान समय निति आयोग
नीतियों के निर्धारण पर काम कर रही है |