28 मई 2023 का ऐतिहासिक दिन देश की नई संसद को मिला।
भारत को नई संसद की आवशयकता क्यों पड़ी ? आइए जाने |
भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 28 मई 2023 को भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन किया | हालाँकि यह समारोह भव्य होना था | लेकिन हो न सका, क्यूंकि भारतीय प्रधान मंत्री भारत को नए संसद भवन और लोकतंत्र के इस मंदिर को तो देश को दिया लेकिन लोकतंत्र की बात करे तो वह कही न कंही सिसकता नजर आया | नए संसद भवन का नाम सेंट्रल विस्टा है |
लोकतंत्र में अहम् भूमिक अदा करने वाला विपक्ष और भारत के राष्ट्रपति इस नए संसद भवन के भव्य उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हुए, उन्होंने इसका बहिष्कार कर दिया | भारतीय लोकतान्त्रिक संसद की स्थापना तो सता और एक दूसरे के होने पर ही होती है | यदि कोई निर्णय संसद भवन में हो ही न तो लोकतंत्र तो फिर बचा ही नहीं फिर वह सरकार को राजशाही की ओर ले जाएगा जो कि भारत के लोकतंत्र सिसक कर सिमित हो जाएगा | खुलेपन समारोह में शामिल न होने वाले विपक्षी दल कांग्रेस, कांग्रेस, डीऍमके, जनता दल यूनाइटेड, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस, बीजेपी, माकरवादी कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी जनता दल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी, झारखण्डी मोर्चा , नेशनल कांफ्रेंस , इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग , कैरल कांग्रेस , आम डी आम के और राष्ट्रीय लोकदल आदि ने इसका बहिष्कार किया |
बहिष्कार करने की वजह क्या हो रही है ?
- वीर सावरकर के जन्मदिन के दिन इसका उद्घाटन हुआ, इसके विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया है
- नए संसद भवन का उद्घोषघाटन भारत के राष्ट्रपति के हाथो न भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद करना चाहते थे |
28 मई
2023 के दिन क्या हुआ उद्घघाटन के दिन ? और क्या ख़ास है ?
28 मई 2023 के दिन भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को नई संसद का भवन बनाया और उसका उद्धाघाटन किया |
सेंगोल नमक राजदंड झड़ी चर्चा का विषय है | क्या है सेंगोल जो विवाद की वजह से लोग राजशाही के रूप में देख रहे हैं ? जिसे प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन में हिंदू पुनर्विचार के साथ स्थापित किया सेंगोल एक चांदी से बना और सोने की परत वाला राजदंड है जिसे 28
मई 2023 को भारत की एक नई संसद में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थापित किया है | इसका इतिहास चोल साम्राज्य से जुडा है | सेंगोल जिसका वर्णन किया जाता है, उससे न्याय पूर्ण तकनीक की तीतर डाली जाती है लेकिन ऐसा 28 मई 2023 के दिन हुआ नहीं दिखा |
28 मई को ही भारत में 75 रूपये का सिक्का जारी किया गया था। भाजपा शासन के अमृतकाल में प्रधान मंत्री मोदी जी ने।
भाजपा के अच्छे दिन जाने वाले है।
- 28 मई 2023 के दिन ही कुश्ती महिला पहलवान और किसान संघ और खाप पंचायत ने नई संसद भवन के सामने महिला सम्मान में महापंचायत का आह्वान किया था | कुश्ती महिला पहलवानों का एक महीने से दिल्ली के जंतर मंतर पर आंदोलन चल रहा था महिला पहलवानों के यौन उत्पीडन को लेकर और घटनाएँ कुश्ती महासंघ के हेड ब्रिज भूषण सरन सिंह | जिन पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया था और जिन पर दिल्ली पुलिस ने पोस्को एक्ट के तहत मुकदमा दायर किया था, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद | लेकिन एक महीने का हमला 28 मई को हुआसुरक्षा ये लेकर महिला पहलवान दिल्ली के जंतर मंतर पर न्याय और पुल सरन की गिरफ्तारी को लेकर धरना दे रहे थे | जिनमे शामिल लोग , विनेश फोगाट , साक्षी मालिक , बजरंग पुनिया और साथी पहलवान |
- जिम्मेदारों ने बिना पुलिस लाइसेंस के महिला महापंचायत करने के लिए संसद भवन की ओर रुख किया | जिसके चलते दिल्ली पुलिस ने सभी पहलवानों को हिरासत में ले लिया | जिन पहलवानों ने देश को गोल्ड मैडल से जोड़ा दुनिया में देश का नाम रोशन किया | पुलिस ने उन्हें अपने कार्यशैली के होश से हिरासत में लिया, जिसका संदेश देश के लोगो बहुत की |
- बहनों के आह्वान पर देश भर से लोग दिल्ली की और चल रहे हैं जिसके कारण दिल्ली पुलिस के लिए दिल्ली में सुरक्षा ववस्था को फॉलो करें एक अपना काम करें | और जंतर मंतर समेत पूरी दिल्ली पर दिल्ली पुलिस के साथ अन्य सुरक्षा पार्टियों के साथ दिल्ली छावनी में बदल दी गई
- किसानों की अगुआई कर रहे नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली के गाजीपुर की छत पर डेरा डाल दिया | दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के सभी चौराहों पर 27 मई 2023 की शाम को ही सभी सीमाओं पर पुलिस पहरा चुस्त दुरुस्त कर दिया | और शाम तक दिल्ली पुलिस के लिए पहलवानों और किसानों दोनों को संभालना काफी चुनौती भरा रहा |
- किसानों की सीमाओं पर तब डटे रहे जब तक दिल्ली पुलिस ने दावा करने के लिए पहलवान विनेश फोगाट, गवाह मालिक, बजरंग पुनिया और उनके साथियों को रिहा न कर दिया | हालांकि नए संसद भवन का उदघाटन प्रधान मंत्री ने बिना किसी बाधा के कामकाज के तरीके किए | जिनमें दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा असेंसियों ने अहम योदान हैं |
जन्हा
एक तरफ प्रधान मंत्री दिल्ली में ने लोकतंत्र के ने मंदिर का उद्घाटन कर रही थी |
वन्ही दूसरी तरफ संसद भवन से सिर्फ कुछ किलो मीटर की दूरी पर न्यान की मांग की लिए
बैठी महिला पहलवानों को दिल्ली पुलिस गाडियों में भरकर उठा ले गई ताकि उसकी आवाज
नए संसद भवन तक न जा सके | और उनका आन्दोलन ख़तम करा दिया गया | प्रधान मंत्री एक
तरफ तो सबका साथ और सबके विकास की बात करते है | लेकिन उनके इस नए संसद भवन सिर्फ
चुने हुए पत्रकार , सिर्फ भाजपा के लोग ही शामिल हुए | देश का विपक्ष इस नए लोकतंत्र
क्यों समाहित नहीं हो सका ? ये न्यान मंगाते पहलवान क्यों नहीं शामिल हो सके ?
किसान को क्यों दिल्ली के बॉर्डर पर ही रोक दिया गया | हालाँकि पहलवानों और किसानो दोनों ने यह साफ़ कर
दिया है की आन्दोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उन्हें इन्साफ नहीं मिल जाता | और
ब्रिज भूषण सरन की गिरफ्तारी नहीं हो जाती |
मीडिया
का दूसरा रूप |
भारत
के लोकतंत्र का जो चौथा पिलर है मीडिया माना
जाता था | इन दिनों वह गोदिया मीडिया के नाम से जान जाता है | और इस आन्दोलन में
मीडिया के दो चहरे नजर आये है | जिसे मैं स्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया के रूप में
जनता देख रही |
सोशल
मीडिया लोकतंत्र को मजबूत करने में अहम् भूमिका अब अदा कर रहा | जनता जैसा की मैंन
स्ट्रीम मीडिया को सरकार का समर्थक मान रही वन्ही दूसरी तरफ सोशल मीडिया के न्यूज़
चैनल लोकतंत्र में निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए सराहे भी जा रहे है | इस आन्दोलन को
और पीछे किसान आन्दोलन को सोशल मीडिया ने खूब बढ़चढ़ कर दिखया | जन्हा मैंन स्ट्रीम
मीडिया हिन्दू मुस्लिम डिबेट में लोगो को अधिकतर समय उलझाने का कर रहा है | लोग वही
अब सोशल मीडिया के पत्रकारों पर अब अधिक
ध्यान देने लगे | किसान आन्दोलन और कुश्ती महिला पहलवान आन्दोलन में सोशल मीडिया
ने अहम् भूमिका निभाई है और दोनों आन्दोलन ने सोशल मीडिया के पत्रकारों को अधिक
तरजीह दी है | फेसबुक , youtube ,instagram, ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म मोबाइल के
जरिये लोगो के पास आसानी से मौजूद होते है |
नए
संसद भवन की खासियत क्या है ?
आइये
जाने की नए संसद भवन की क्या खासियते है ? और अभी भारत को नए संसद भवन की जरुरत
क्यों पड़ी ? सबसे पहले हम यह जान लेते है की भारत में में जनगणना हर दस साल में
होती है | जो कि आखरी जनगणना 2011 में हुई थी | और उसके दस साल बाद यानी के 2021 में जनगणना होनी थी लेकिन महामारी कोविड के
चलते भारतीय जनसँख्या जनगणना नहीं हो सकी और 2024 में लोक सभा चुनाव है | जिसको लेकर यह सब किया
जा रहा है | भारत में 1971 की जनगणना के आधार किये गए परिसीमन पर आधारित
लोकसभा सीटो की संख्या 545 अभी तक बनी हुई है | 2026 में इसमें काफी वृद्धि की सम्भावना है |
वर्त्तमान संसद भवन इस लिहाज से तंग है | अभी सेंट्रल हाल में केवल 440 वक्तियो के बैठने की क्षमता है | जब सयुंक
सत्र होते है तो सिमित सीटो की संख्या और बढ़ जाती है यह जानकारी 28मई2023 के लेख में छपी है |
- भारत के इस संसद भवन के निर्माण पर 20 हजार करोड़ खर्च हुए थे |
- नया संसद भवन बनाने का ठिकाना दायरा लिमिटेड को मिला था | उसने सितंबर 2020 में 861.90 करोड़ रुपये की बोली प्राप्त करने का ठिकाना हासिल किया था
- इस प्रोजेक्ट का खाका गुजरात की एक कंपनी HCP डिजाईन ने तैया किया है | हो एक त्रिभुजाकार में | और इसके डिजायन की लागत 229.75 करोड़ रुपए रखी गई थी
- संसद में महासभा के राष्ट्रीय पक्ष मोर और राज्य सभा को राष्ट्रीय पुष्प कमल की चिन्हों पर अलंकृत किया गया है |
- नए सभा भवन में 888 सीटो की क्षमता है जबकि राज्य भवन में 384 सीटो की क्षमता है पुराने सोलह भवन में केवल 552 और राज्य सभा भवन में 250 सीटों की ही क्षमता थी |
- नए संसद भवन की संयुक्त बैठक के दौरान अब वन्हा 1272 सदस्य सदस्य बनें |
- नए संसद भवन को दो साल में समाया हुआ है यह चार मंजिला एक त्रिभुजाकार भवन है
- साथ ही वन्हा सांसदों के बैठने के लिए बड़ा हाल , एक पुस्तकालय , दोषियों के लिए कई कमरे , भोजन कक्ष , और बहुत सारी पार्किंग जगह होगी |
भारत
में जनसख्या गणना और संसद में लोक सभा सीट और 2024 में होने वाला चुनाव ही नई संसद भवन की जननी
और भाजपा की सत्ता में बने रहने की ख्वाहिस ही नए संसद भवन के उद्घघाटन का असल खेल
है | क्यूंकि हाल ही यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट ने यह जानकारी दी की भारत दुनिया के
सबसे अधिक आबादी वाले देश चीन को पीछे छोड़कर खुद दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला
देश बन गया है |
भारत
में अब तक हुई जनसख्या जनगणना के बारे में समझते है |
भारत
में आखरी जनसख्या गणना 2011 में हुई थी | जिसमे भारत की आबादी 1 अरब 21 करोड़ के करीब थी जिसमे पुरुषो की संख्या 62
करोड़ 37 लाख के करीब थी और महिला आबादी 58करोड़ 64 लाख के करीब रही | टॉप पांच राज्यों की बात करे तो इसमें यूपी
सबसे अधिक आबादी वाला पहला राज्य है , दूसरा राज्य महाराष्ट्र, तीसरा राज्य बिहार
और चौथा राज्य पचिम बंगाल और पांचवा राज्य आन्ध्राप्रदेश है |
भारत
में प्रमुख धार्मिक समूहों के लिए जनसख्या रुझान ( 9151 से 2011 तक )
धार्मिक समूह |
हिन्दू |
मुस्लिम |
सिख |
इसाई |
जनसंख्या %1951 |
84.1% |
9.8% |
1.79% |
2.3% |
जनसंख्या %1961 |
83.45% |
10.69% |
1.79% |
2.44% |
जनसंख्या %1971 |
82.73% |
11.21% |
1.89% |
2.60% |
जनसंख्या %1981 |
83.30% |
11.75% |
1.92% |
2.44% |
जनसंख्या% 1991 |
81.53% |
12.61% |
1.94% |
2.32% |
जनसंख्या% 2001 |
80.46% |
13.43% |
1.87% |
2.34% |
जनसंख्या% 2011 |
79.80% |
14.23% |
1.72% |
2.30% |
जनसंख्या% 2021 |
कोई डेटा नहीं |
कोई डेटा नहीं |
कोई डेटा नहीं |
कोई डेटा नहीं |
भारतीय जनता पार्टी धार्मिक जनसंख्या के गणित को समझती है और लोक सभा में सीट के पहले को लेकर भारतीय सविधान के अनुछेद 81 और
82 के अनुसार देश की वृद्धिती जनसख्या के होश से लोक सभा के नेत्रत्व में विस्तार और सुधार हो जो की 2026 में होना था | लेकिन भाजपा सरकार 2024 के लोकसभा चुनाव होने से लेकर पूर्व की सभी चीजें अपने पक्ष में करने के लिए बाध्य हैं, यह सभी कार्य करने के लिए अधिक उतावली हो रही है। ताकि
2024 का लोकसभा चुनाव अपने पक्ष में किया जा सके |