Badshah Babar का इतिहास क्या कहता है? जाने.
बाबर का भारत आना और भारत में मुग़लकाल | |
|
बाबर का जन्म कब हुआ ? बाबर कान्हा पैदा हुआ था ? बाबर के वालिद का नाम क्या था ? बाबर के बचपन का नाम क्या था ? बाबर फरगना का शासक किस उम्र में बना
? |
|
इन दिनों भारत में बाबर और मुसलमानो की चर्चा क्यों है?
भारतीय
राजनीति में मुग़ल बादशाह और मुसलमानों का इन दिनों बार बार जिक्र होता है | और
सत्ता पक्ष अपनी नाकामियां छिपाने के लिए
कभी बाबर , कभी औरंगजेब तो कभी मुसलमानों को नाम लेकर खुद को भारत के एक वर्ग की
हितैषी और दूसरे वर्ग पर हमलावर रहती है | इतिहास की गोद में सोए बादशाह बाबर को
भारत की वर्तमान सरकार(मोदी सरकार ) वर्तमान में उनके द्वारा सभी गलतियों की
जिम्मेदारी मुग़ल बादशाह और मुसलमान और भारत के प्रथम प्रधान मंत्री नेहरू जी के सर
थोप देती है |
वैसे
अगर आप इतिहास के छात्र रहे होंगे तो आपने भारत के प्राचीन और मुग़लकाल इतिहास को
अवश्य ही पढ़ा होगा | और साथ यह जाना होगा की भारत शुरू से छोटे छोटे रियासतों में बटा हुआ था | लेकिन हम ब्रिटिश काल से थोडा पहले समय में उतरते है तो देखते ही दिल्ली
की सल्तनत पर बैठने की लिए मुग़ल, मराठ, राजपूत और तुगलक वंश दिल्ली पर काबिज होने
के लिए जंगे लड़ रहे है | दिल्ली से दूर बाबर दिल्ली पर अपने वर्चस्व को ज़माने के
लिए दिल्ली की और कूंच करता है | और देखते ही देखते दिल्ली पर अपना शासन कायम कर लेता है | जिस आयु में हम बाबर की आलोचना कर रहे है उस आयु में वह
फरगना का रजा बन बैठा था |
आइये
जाने बाबरनामा या तुजुके बाबरी में बाबर क्या कहता है ?
बाबर
का जन्म कब हुआ ?
बाबर
का जन्म 14 फरवरी
1483 ई. को फरगना में हुआ था जिसका बचपन का नाम जहीरुद्दीन बाबर था | उसके
पिता उम्र शेख मिर्ज़ा फरगना के शासक थे | बाबर मध्य एशिया के दो योद्धाओ ,तुर्की
वीर तैमूर और मंगोल नेता चंगेज का खान का वंशज था | उसका कुटुंब तुकी जाती के चत्गाई
विभाग के अंतर्गत आता था , किन्तु वह आम तौर पर मुग़ल ही माना जाता था | बाबर के वालिद उम्र शेख मिर्जा की अपने बड़े भाई
अहमद मिर्ज़ा और साले महमूद खान और अहमद खान से उसकी बनती नहीं थी | लेकिन उम्र शेख
मिर्जा के अकाल मिर्त्यु के चलते बाबर ने 11वर्ष की चार माह की आयु में फरगना का कार्यभार संभाला और उससे पहले
उसने अपने बचपने में अपनी मातृत्व तुर्की और फारसी में पढना लिखना सीख लिया था | और उसने अपने जीवन काल में घटी घटनाओ को खूब लिखा
है |
फरगना
के शासक के रूप में |
जब
बाबर ने अपने वालिद की अकाल मृत्यु के चलते 11 वर्ष की आयु में फरगना की गद्दी पर बैठा तो उस
समय उसके दो अहम् शत्रु थे | जो दो विभिन्न दिशाओ से उसके राज्य पर आक्रमण कर रहे
थे | उसने अपने बुद्धिमती और अनुभवशील दादी ऐसान दौलत बेगम की सहायता से अपना राज्यभिषेक कराकर अपने
घर को ठीक तौर पर वयवस्था की | उसके बाद उसके राज्य पर आक्रमण कर रहे आक्रमणकारियों
से लोहा लेना शुरू किया |
सबसे
पहले उसने अपने चाचा अहमद मिर्ज़ा को एक सन्देश भेजा की आप फरगना को जीतने के बाद
किसी न किसी के अधीन करंगे ही और हम
रिश्तेदार है ऐसे में आप यह राज्य मुझे ही दे दे , मै आपके अधीन रहने को स्वीकार
करता हु | लेकिन उसके चाचा ने यह प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया | जिसके परिणाम स्वरुप
युद्ध शुरू हो गया | लेकिन बाबर की सैन्य छमता का साहस देखकर और खुद का स्वास्थ
स्वस्थ न होने के कारण अहमद मिर्ज़ा ने समरकंद वापस जाना उचित समझा | बाबर के मामा
महमूद खान ने भी जब बाबर की सेना का साहस देखा तो वह भी युद्ध टाल कर अपने देश
वापस लौट गया | इस प्रकार बाबर ने फरगना की सुरक्षा की | अपनी शासन की सुन्दरता के
चलते वह जनता में एक लोकप्रिय शासक बन बैठा |
बाबर
भारत आने से पूर्व क्या क्या जीत चूका था ?
बाबर
भारत आने से पहले तैमूर की राजधानी समरकंद दो बार जीत चूका था और
हार चूका था यन्हा तक की अपने पैतृक सत्ता फर्गना को भी हारकर सत्ता विहीन होकर भटक रहा था। उसने अपनी आत्म कथा में लिखा कि मैं इतना रोया की मुझे अपनी सत्ता और मुसीबतों से दो चार होना पड़ा| और काबूल को जीतने के बाद उसने भारत का रुख किया |
बाबर भारत 12 अप्रैल 1526 को भारत पहुंचा।
बाबर जब भारत पहुंचा तो उस समय दिल्ली की सत्ता पर इब्राहिम लोदी का शासन चल रहा था। और तीन बार पानीपत का युद्ध लड़ने के बाद सफलता मिलने के बाद बाबर भारत पहुंचा।