आखिर क्या है आबे जम जम का पानी?
क्या आप जानते है ? आबे जम जम क्या है ? इस्लाम धर्म को लेकर हर इंसान कुछ न कुछ रोचक जानकारी निकल कर हमेशा सामने आती है , लोग इस्लाम धर्म के बारे ज्यादा से ज्यादा जानना और समझना चाहते है , क्यूंकि दुनिया का सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म इसलाम है, और लोग ज्यादा से ज्यादा इस धर्म के तौर तरीके को देखकर इस धर्म में शामिल हो रहे है, इस्लाम के हिसाब से माने तो दुनिया में कामोबेस एक लाख चौबीस हजार पैगंबर आए।
दुनिया में पानी तो तमाम तरह के पानी है , लेकिन हम आज जिस पानी की बात करने वाले है वह इस्लाम धर्म में और मुसलमानों के लिए बहुत ही खास किस्म का पानी है। और उस पानी का नाम है आबे जम जम जिसके पिछे एक बड़ी ही दिलचस्प कहानी है। आज हम आबे जम जम के उस दिलचस्प कहानी के बारे में बात करने वाले है।
आइए पहले आबे जमजम के दिलचस्प किस्से को जान लेते है।
इस्लामिक इतिहास कहता है कि जब हजरत इब्राहिम अलैहिसलाम अपनी बीबी हाजरा और उनके बच्चे हजरत इस्माइल अलैहिस्लाम को अरब की सूखे रेगिस्तान में सफा और मारवा की पहाड़ियों के बीच छोड़कर चले गए थे। तो ऐसे में हज़रत इस्लाम अलैहिस सलाम को बहुत प्यास लगी और उनकी वालिदा यानी की बीबी हाजरा पानी की तलास में काफी पहाड़ी सफा की ओर दौड़ती तो कभी पहाड़ी मारवा की ओर जब हजरत इस्माइल अलैहिस्लाम मारे प्यास के अपनी नन्हे नन्हे पैर जमीन पर रगड़ने लगे तो , उनके पांव के रगड़ने से जमीन से पानी का चश्मा जारी हुआ । जिसको पीकर बीबी हाजरा और हजरत इस्माइल अलैहिस्लाम ने अपनी प्यास बुझाई। और इस पानी को रोकने के लिए बीबी हाजरा ने अपनी जुबान में पानी को रुकने के लिए कहा आबे जम जम जिसके बाद यह पानी आने जम जम के नाम से ही जाना जाने लगा।
और आज जो भी मक्का शरीफ़ में जियारत के लिए जाता है वह जरूर इस पानी को पाना चाहता है , जिसके पीने से उनकी बहुत सी बलाए दूर हो जाती है। यह हर मुस्लमान का अकीदा है। हज पर आने वाले हज यात्रियों के लिए लाखों लीटर बोतल में पानी निकाला जाता है। और यह सिसला तब से चालू है यानि के हजरत इब्राहिम अलैहिस सलाम के जमाने से।
आबे जम जम के वैज्ञानिक जांच की रिपोर्ट क्या कहती है ? जो की रियाद से थे ।
बहुत साल पुरानी बात हैं यानी की सन 1971 की मिस्र के एक डॉक्टर ने यूरोपियन प्रेस में एक लेख लिखा की मक्का के आबे जम जम का पानी पीने लायक नही। और इसका आधार यह था की मक्का शहर की ऊंचाई समुद्र तल से बहुत नीचे है जिसके चलते शहर के नाले का पानी इस और आता है। जब इस खबर को जानकारी सउदी अरब के किंग फैसल को हुईं तो, उन्होंने ने तुरंत अरब के कृषि जल संसाधन मंत्रालय को जम जम का पानी का सैंपल इकठ्ठा करके यूरोपीयन लेबोरेटरी में जांच के लिए भेजा।
इस पानी की जांच के लिए इंजीनियर तारिक अहमद को सौंपा गया और उन्होंने बताया की जब उन्होंने सबसे पहले 18/14 के उस कुंए से पानी निकलने वाले स्रोत का पता लगाया लेकिन वह हैरानकुन हुए और वह पानी का स्रोत ढूंढ पाने में असमर्थ रहे।
यूरोपीयन लेबोरेटरी और इंजीनियर तारिक अहमद की रिपोर्ट जाने क्या कहती है?
यूरोपीयन लेबोरेटरी और इंजीनियर तारिक अहमद की लैब की रिपोर्ट लगभग एक समान ही थी। जम जम के पानी में कैल्सियम और मैग्निसियम में साल्ट मात्रा में फर्क पाया गया शहर मक्का में स्तिथ अन्य पानी के स्रोतो से। शायद इस वजह से मक्का में आने वाले हज यात्रियों को यह पानी ऊर्जावान और तरोताजा बनाए रखता है।
जम जम में फ्लोराइड की मात्रा।
आबे जम जम में फ्लोराइड की मात्रा होने से पानी के लिए बहुत फायदेमंद होता है जो की कीटाणुरोधक होता है। और यूरोपियन लेबोरेट्री ने इसे पीने के लिए उपयुक्त पानी पाया जो की मिस्र के उस डॉक्टर के रिर्पोट के बिलकुल उल्ट रही है। और जब किंग फैसल को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने इस रिर्पोट को यूरोपियन प्रेस में भिजवाकर फिर छपवाया। और रेगिस्तान में इस पानी का होना किसी चमत्कार से कम नहीं।
आइए इसकी कुछ खूबी जान लेते है।
1 यह अब तक सुखा नही।
इस आबे जम जम की यह सबसे बड़ी खूबी है यह पानी हजरत इब्राहिम अलैहिस सलाम के जमाने से ही निकाला जा रहा है , और पहले यह रस्सी के सहारे हाथों से निकाला जाता लेकिन आज के आधुनिक समय में यह पानी बड़ी बड़ी पाइपों और मोटर के द्वारा लाखो लीटर निकाला जाता है , हज पर आने वाले यात्रियों को बाटने के लिए।
2 एक सा स्वाद।
इस पानी की जो सरचना है वह तब से ही एक सामान है जबसे इस पानी का निकलना है , यह समय के साथ कभी कम या ज्यादा खारा नही हुआ। हमेशा से एक ही स्वाद में रहा है।
3 यह पानी सभी के लिए फायदेमंद साबित हुआ है।
जैसा की हम अक्सर सफर में अलग अलग स्थान पर सफर के दौरान पानी की अलग अलग मात्रा पाते है लेकिन यह पानी वैश्विक स्तर पर शहर मक्का में हज आने वाले सभी लोगो के लिए फ़ायदे मंद ही साबित हुआ , इसे पीने से लोगो को फायदा ही पहुंचा हैं और तबियत खुस रही है बाकी आम पानियो की तरह इसे पीने से तबीयत बिगड़ जाती है जैसा की हम अमूमन पाते है, लेकिन वैश्विक स्तर यह पानी एक खास पानी के तौर पर अपनी पहचान पर आज भी कायम है।
4 इस पानी में को रसायन डालकर इसे शुद्ध नही करने की कभी नौबत नहीं आई।
जैसा कि हम अपने घर या शहर में अक्सर गंदे पानी आने की शिकायत पाते है और उसमे क्लोरिन जैसे रसायन को डालकर उसे शुद्ध करके उसे छान कर पीते है , लेकिन आबे जम जम के साथ अब तक कोई ऐसी बात सामने नही आई, यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।