Prayagraj तीर्थो का तीर्थ जाने क्यों है यूपी की बेस्ट डेस्टिनेशन?
प्रयागराज जिसे हम इलाहाबाद के नाम से जानते थे वह आज प्रयागराज शहर के नाम से जाना जाता है। उत्तर प्रदेश के बेस्ट डेस्टिनेशन की सूची में क्यों है ? इस चीज से शायद आप चीर परिचित हो ? और न भी . लेकिन आज हम अपने इस लेख में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के बारे में बात करेंगे जिसे त्रिवेणी और संगम के नाम से भी जाना जाता है। इस पहले हमने यूपी के बेस्ट डेस्टिनेशन लखनऊ,आगरा,मथुरा,बनारस, श्रावस्ती,और झुमको के शहर बरेली के और रुख किया था और जाना था।
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" यूपी नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा।"
उत्तर प्रदेश बेस्ट डेस्टिनेशन सूची।
1आगरा
2 मथुरा
3 लखनऊ
4 वाराणसी
5 अयोध्या
6 कुशीनगर
7 शरवस्ती
8 कपिलवस्तु
9 प्रयागराज
10 झांसी
11मीरूत
12 बरैली
चलिए महा कुंभ नगरी प्रयागराज चलते है। जाने क्या कहता है प्रयागराज?
भारत के उत्तर प्रदेश के राज्य का जिला प्रयागराज जो भाजपा शासन काल से पहले इलाहबाद के नाम से जाना जाता है । हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बहुत ही प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। जो राजधानी दिल्ली से करीब साढ़े 600 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है। यह शहर गंगा जमुनी तहजीब के बेहतरीन शहरो में से एक है। इसे तीर्थो के तीर्थ के रूप में जाना जाता है। और यह शहर अपना वैश्विक पहचान भी रखता है । क्योंकि भारत के पहले प्रधान मंत्री नेहरू यही से थे।
क्या कहता है प्रयागराज का इतिहास ?
आपको जानकर हैरानी होगी प्रयागराज को तीर्थो का तीर्थ क्यों कहा जाता है । इतिहासकार कहते है की प्राचीन काल में इस शहर को प्रयाग के नाम से जाना जाता था जिसका अर्थ बहु यज्ञ स्थल होता है। हिंदू धार्मिक मान्यता यह है कि जब संसार का श्रृष्टि का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया तब ब्रह्मा ने इसी भूमि पर पहला यज्ञ किया था। और उसके बाद यन्हा अनगिनत यज्ञ हुए है। भारतवासियों के लिए प्रयाग और प्रयाग से ही अलग होकर बना नया जिला कौशांबी के कुछ क्षेत्र बहुत ही महत्त्वपूर्ण है।
यह क्षेत्र पूर्व से गुप्त साम्राज्य और मौर्य साम्राज्य के अंश और ब्रिटिश कुशासन का अंश रहा है । बाद में कन्नौज साम्राज्य आया और सन 1526 में भारत पर मुगलों के आक्रमण और विजय के बाद मुगलों के अधीन आया । बादशाह अकबर ने यन्हा संगम के घाट पर एक बहुत बड़े किले का निर्माण करवाया था।
सन 1904 से 1949 तक संयुक्त प्रांतो की राजधानी था। जो अब उत्तर प्रदेश है। और भी ऐसी ढेरो ऐतिहासिक घटनाओं और धरोहरों को इलाहाबाद ने अपनी गोद में संजोया है।
प्रयागराज को और किन नामों से जाना जाता है?
प्रयागराज को इलाहाबाद और इसे त्रिवेणी और संगम के नाम से भी जाना जाता है । भारत में होने वाले महाकुभ मेला चार तीर्थ स्थलो में से एक है यह भी है। गंगा नदी के तट के किनारे बसा यह शहर इसके अलावा भी अपनी गोद में बहुत कुछ संजोए हुए है। यन्हा गंगा, यमुना , सरस्वती तीनो नदियों का संगम होता है इसलिए इसे संगम या त्रिवेणी भी कहते है। साथ शायद आप इस बाद से भी परिचित हो की इस शहर ने देश को कई प्रधान मंत्री और नामी हस्तियां भी दी है जैसे चंद्र शेखर आजाद जो एक महान क्रांति करी हुए और उन्होंने ब्रिटिश शासन से लड़ते हुए खुद को गोली मारकर शहीद कर दिया देश हित में, मोती लाल नेहरू, पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, अमिताभ बच्चन, हरिवंश राय बच्चन,अकबर इलाहाबादी, फिराक गोरखपुरी,मोहम्मद कैफ, विभूति नारायण राय, हरीश चंद्र, हजारी प्रसाद चौरसिया, धर्मवीर भारती , प्रधान मंत्री वी. पी.सिंह ,सुमित्रा नंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और भी लोग है ,जो राजनीतिक और हिंदी साहित्य और देश के विकास में अपना सायहोग किया ।
प्रयागराज में दर्शनीय स्थल क्या क्या है?
- प्रयागराज किला ।
- आनंद भवन ।
- चन्द्र शेखर पार्क ।
- खुसरो बाग पार्क।
- विक्टोरिया मेमोरियल।
- मिंटो पार्क।
- स्वराज भवन ।
- रानी महल।
- संगम ।
- हनुमान मंदिर ।
- शंकर विमान मंडपम।
- शिवकुटी।
- भारद्वाज आश्रम।
- ज्वाहर प्लेनेटरियम।
- प्रयागराज संग्रहालय।
- पब्लिक लाइब्रेरी।
- चौक घंटाघर ।
- त्रिवेणी पुष्प।
- अरैल घाट।
- प्रयाग कुंभ मेला।
और बहुत से घट है जो आपको बोटिंग और गंगा किनारे बसे इस शहर की खूबसूरती का आनंद देंगे।
दिल्ली से प्रयागराज ट्रेन से कैसे आए ?
दिल्ली से प्रयागराज आने के लिए बहुत सी ट्रेनें है लेकिन मैं आपको कुछ चुनिंदा ट्रेनों के नाम बताऊंगा जो काम समय में यह दूरी तय करते है दिल्ली से क्योंकि साढ़े 600 किलो मीटर का यह शहर तय करने में कुछ ट्रेनें 8 से 10 घंटे तक लेती है। लेकिन आप जब भी प्रयागराज जाए तो आप इन ट्रेनों का चुनाव करे।
दिल्ली वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस यह ट्रेन इस दूरी को तय करने में 6 घंटे 8 मिनट का समय लेती है।
तेजस राजधानी एक्सप्रेस यह ट्रेन यह दूरी तय करने में 6 घंटा 53 मिनट लेती है।
गरीबरथ एक्सप्रेस यह ट्रेन यह दूरी तय करने में 6 घंटा 48 मिनट लेती है।
प्रयागराज एक्सप्रेस , प्रयागराज हमसफर, शिव गंगा एक्सप्रेस, रीवा एक्सप्रेस, महाबोधी एक्सप्रेस, पूरी एक्सप्रेस, यह सभी ट्रेनें इस दूरी को लगभग 8 से 9 के बीच में आपको प्रयागराज पहुंचा देंगी आप अपनी सुविधा और बजट के हिसाब से ट्रेनों का चयन करे।
क्या वायु मार्ग से प्रयागराज पहुंच सकते है ?
हां आप वायु मार्ग से प्रयागराज पहुंच सकते है प्रयागराज के बमरौली एयरपोर्ट के माध्यम से जो प्रयागराज शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर है । यह भारत के सबसे पुराने एयरपोर्टो में से एक है । यन्हा से भारत के प्रमुख शहरों के लिए विमान सेवाएं चालू है , दिल्ली , बिलासपुर, बैंगलूर, मुंबई,पुणे,पटना, नागपुर, कोलकाता, रायपुर, लखनऊ , गोरखपुर,भोपाल, इंदौर देहरादून, इन सभी शहरो के लिए , इंडियन एयरलाइंस , इंडिगो, जेट एयरवेज अपनी सेवाए दे रही है।
क्या सड़क मार्ग से प्रयागराज पहुंचा जा सकता है ?
हां आप सड़क मार्ग से प्रयागराज पहुंच सकते है , प्रयागराज दिल्ली कलकत्ता मार्ग के बीच में स्तिथ है नेशनल हाईवे 2 उपयुक्त मार्ग है प्रयागराज आने के लिए । यह स्वर्ण चतुर्भुज मार्गो में से एक है।
प्रयागराज से अयोध्या की दूरी 167 किलोमीटर, प्रयागराज से चित्रकूट की दूरी 167 किलोमीटर , प्रयागराज से कानपुर की दूरी 193 किलोमीटर, प्रयागराज से बनारस की दूरी 120 किलो मीटर, प्रयागराज से लखनऊ 201 किलोमीटर,
प्रयागराज में तीन प्रमुख बस अड्डे है
सिविल लाइन बस अड्डा,
जीरो रोड बस अड्डा,
लीडर रोड बस अड्डा,
उत्तर प्रदेश की रोडवेज बसों की सेवा के माध्यम से आप आसानी से आस पास के शहरो से प्रयागराज पहुंच सकते है।
क्या यन्हा ठहरने के लिए होटल और धर्मशाला उपलब्ध है?
आपको स्टेशन रोड और लीडर रोड पर प्रयागराज जंक्शन से कुछ दूरी पर ढेरो होटल और लॉज, धर्मशाला मिल जायेंगे।
खाने में क्या है खास ?
प्रयागराज में आप सभी तरह के भोजन का स्वाद ले सकते है, लेकिन प्रयागराज के लोग खाने के बड़े ही शौकीन है।
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