Delhi Mayor next election 22 फरवरी को होगा 2023
भारत की राजधानी दिल्ली में माह दिसम्बर के चार
तारीख को दिल्ली में नगर निगम के चुनाव हुए
थे और सात दिसम्बर को वोटो की गिनती हुई | जिसमे आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट विजेता
के रूप में उभरी थी , उसने 134 वार्ड जीते थे और भाजपा के पंद्रह सालो के
कार्यकाल के शासन को समाप्त कर दिया | भाजपा ने दूसरे स्थान पर रहते हुए 104 ward जीते जबकि कांग्रेस ने
सिर्फ नौ सीटो पर ही जीत हासिल की |
मामला पहली बैठक में पार्षदों को सपथ दिलाने से
उलझा
चुनाव
के परिणाम के लगभग महीने भर बाद छः जनवरी को सदन की बैठक हुई | इस दिन
नवनिर्वाचित व मनोनीत पार्षदों को सपथ दिलाने के साथ महापौर और उपमहापौर और स्थाई
समिति के सदस्यों का चुनाव होने की योजना
थी , लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो सका | बैठक में मनोनीत पार्षदों ने हंगामा किया
इसके चलते कोई काम काज नहीं हो सका |
दूसरी बैठक
का मामला
दूसरी बैठक जनवरी माह के नौ जनवरी को हुई और सदन में दूसरी बैठक में पार्षदों ने तो सपथ ली लेकिन
मेयर का चुनाव नहीं हो सका और पार्षदों ने
जमकर हंगामा काटा जिसके चलते दूसरा सदन भी हंगामे की बलि चढ़ गया| आम आदमी और भाजपा
के बीच MCD में मनोनीत पार्षद करने
के मामले में चल रहा टकराव जारी रहा जिसके
चलते सदन में पार्षदों ने हंगामा काटा हालंकि इसके बावजूद पार्षदों ने सपथ ली|
मेयर के चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी के पार्षद सदन में धरने पर बैठे |
तीसरी बैठक का मामला|
दो नाकाम कोशिशो के बावजूदमेयर चुनाव के लिए छः
फरवरी को तीसरी बैठक बुलाई गई सदन शुरू
होते ही हंगामा होने लगा | इसके बाद दस मिनट के लिए सदन स्थगित किया गया लेकिन जब बात बनाते नहीं दिखी तो पीठासीन
अधिकारी सत्या शर्मा ने सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया |
बात बनते न देख आप पार्टी ने कोर्ट का रुख किया और अब मामला कोर्ट में है|
मामला सुपरीम कोर्ट में पहुंचा
लगातार मेयर चुनाव टलने
के विरोध में आप ने फिर से सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया आप की प्रत्यासी डॉ
शैला ऑबरोई ने दिल्ली में मेयर का चुनाव कराने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया|
हालाँकि जब छः फरवरी को चुनाव की तारीख तय हुई तो याचिका वापस ले ली गई | इसके बाद
भी जब छः फरवरी को भी मेयर चुनाव नहीं हो सका तो पार्टी ने एक बार फिर से कोर्ट का
रुख किया| मामले में जब पहली बार सुनवाई हुई थी तो सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल
विनय सक्सेना व अन्य लोगो को नोटिस जारी कर मनोनीत सदस्यों से मताधिकार पर जवाब
माँगा था |
दिल्ली महापौर के चुनाव को लेकर आप और भाजपा
में चल रही तनातनी के बीच शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते
हुए बड़ा आदेश दिया है|
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि निगइस म कीका पहली बैठक नोटिस चौबीस घंटे के भीतर जारी हो और आदेश में
कोर्ट ने कहा की निगम की पहली बैठक में महापौर का चुनाव होगा| मनोनीत सदस्यों को वोट देने की इजाजत नहीं होगी | इसके अलावा
महापौर का चयन होने के बाद उनकी अध्यक्षता
में उप महापौर और स्थाई समिति के सदस्यों का चुनाव होगा |
राजनीतिक दल आप ने कोर्ट के आदेश पर क्या कहा ?
कोर्ट
के इस आदेश पर आम आदमी पार्टी इसे अपनी जीत बता रही है और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल
ने टवीट कर लिखा सुप्रीम कोर्ट का आदेश लोकतंत्र
की जीत |
दिल्ली नगर निगम के मेयर का आगामी चुनाव 22 फरवरी को होगा
मेयर और डिप्टी मेयर और स्थाई
सदस्यों का चुनाव चौथी बार फरवरी 22 तारीख को
होगा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने इसका स्वागत किया|