भारत और पाकिस्तान के संबंध खराब होने की वजह से आप भी पाकिस्तान की जिन चीजों का इस्तेमाल करते हैं, चलिए 2023 में चलते हैं
भारत पाकिस्तान विवाद की वजह |
हम हर रोज पाकिस्तान का जिक्र आपने न्यूज चैनल और अखबरो में मायने और रखते हैं , कि पाकिस्तान भारत से इतना पीछे है और भारत और पाकिस्तान सीमा विवाद में इतने लोग मारे गए फला सीमा पर सैनिक विवाद हुआ लेकिन विवाद के पीछे कि वजह क्या रही है यह कभी फ्रैंक सामने नहीं आता है छोड़कर कश्मीर के मुद्दों के , भारतीय सरकार अपनी सेना और किसी नए काम में सफलता पा के बाद पाकिस्तान से उसकी तुलना निश्चित रूप से करता है ऐसे में हमें सहज होना चाहिए कि भारत के पोडोसी देशो में सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं है बल्कि और भी देश है , चीन है , बांग्लादेश है , अफगानिस्तान है , श्रीलंका है , नेपाल है , म्यांमार है ,भूटान है , लेकिन दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा देश भारत है इस नजरिये से भारत अपने पड़ोसी देशो से किसी को हमेशा न किसी विवाद को निगरानी रखता है और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आबादी वाला देश है और पहला चीन है
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि वर्तमान समय में विश्व चीन का एक शक्तिशाली देश है और भारत भी महाशक्ति के देश में उभर रहा है लेकिन भारत से पीछे आजाद चीन आज भारत से आगे कैसे पहुंचा? भारत संग आजाद देश पकिस्तान आज भारत से कैसे विकास कि राह में पीछे रह गया इसके पीछे मेहता कई हो सकता है , जैसे तकनीक तकनीक वावस्था , और पोडोसी देशो से संबंध और भी कई सारी इसमें अपनी भूमिका निभा रही है तो आज अपने इस लेख में हम भारत पाक के संबंध के बारे में बात करेंगे | कैसे एक ही देश के दो हिस्से होने के बाद आज भारत विकसित देश है और पाकिस्तान कैसे विकास कि राह में पीछे रह गया |
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सन 1947
में भारत उपमहाद्वीप में दो स्वतंत्र देशो का जन्म हुआ | सिंकी की स्थापना ब्रिटश सैंड द्वारा पारित कानून के अनुसार हुई इस कानून ने ब्रिटश भारत को दो हिस्सों में बांटा भारत और पाकिस्तान यह धर्मं के नाम पर बटे थे | और दूसरा राजनीतिक स्वार्थ भी उसके पीछे छिपा था | थे आज़ादी को लेकर देश को आज़ादी वाले स्वतंत्र सेनानी भी खुद बहुत चिंतित और परेशान उनके साथ देश कि जनता भी कि जिस भूमि और जिन लोगो के दरमियाँ वह आपस में रह रहे थे अब उनके बीच अस्वीकृति और विभाजन हो जाएगा | और हुआ भी |
ये दोनों नए देश ब्रिटिश राष्ट्रमंडल के सदस्य बनाए गए हैं और ब्रिटेन के रजा उनके भी रजा गोषित किए गए हैं राजनीतिक रूप से ये दोनों देश पूरी तरह से स्वतंत्र बने हुए थे | पाकिस्तान का जन्म इसलिए हुआ क्यूंकि मुस्लिम लीग का यह दावा था कि हिंदू और मुसलमान दो राष्ट्र थे, इसलिए उन्हें दो अलग-अलग राज्यों में संगठित किया गया। लेकिन जैसे के मैंने अभी आपको ऊपर बताया कि बात सिर्फ यही नहीं थी इसके पीछे भी राजनितिक स्वार्थ था | और ब्रिटिश सरकार ने जब किसी देश को आज़ाद किया तो उसके पीछे कोई न कोई विवाद अनिवार्य रूप से टिका हुआ था
अंगरजो ने देश को केवल दो स्वतंत्र देशो में ही नहीं बांटा था बल्कि
500 से अधिक देशी रियासतों के ऊपर से अपना सर्वोच्च अधिकार भी समाप्त कर दिया। उनके शासकों को यह अधिकार दिया गया कि वे भारत में रहे या फिर पाकिस्तान दोनों में से किसी भी देश में अपनी रियासत का विलय कर सकते हैं | लेकिन कुछ शासकों ने इसका घोर अर्थ शुरू कर दिया कि वे नाराज हो गए तो बिना भारत या पाकिस्तान में विलय किए हुए बिल्कुल स्वतन्त्र रह सकते थे |
सदियों से हिन्दू और मुसलमान इस उपमहाद्वीप में साथ साथ रहते थे लेकिन भारत एक विभाजन ने नया धर्म निरपेक्ष भारत और इस्लामिक पाकिस्तान के बीच दुश्मनी पैदा कर दी | भारत विभाजन को दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी जनहानि हुई है | जो देश और जिसके नागरिक सदियों से भाई चारे के साथ आपस में मिलजुल कर रहे हैं दोनों देशो कि इस बुनियाद ने कभी न भरने वाली चाह को पैदा कर एक गंभीर बीमारी के रूप में जन्म देकर यांहा के नागरिको में बीमार पड़े कर दिया और आजादी के लिए 75 सालो के बाद भी यह गंभीर बना हुआ है और वर्तमान समय में आय दिन सरकारे अपनी राजनीतिक हितो और सत्ता हितो के लिए देश कि अवाम को इस सूची में उलझा कर उनमे विवाद पैदा करता है और मोदी शासन काल में ऐसी कई घटनाएँ हुईं जो समुदाय सहस्राब्दी को साझेदारी कर रहा है | वर्तमान में हम आय दिवस समाचार चैनल पर हिन्दू मुस्लिम विरोध देखते ही है |
राज्य स्तरीय प्रशासन में मुख्य सचिव, प्राधिकरण, और जिला मजिस्ट्रेट की क्या भूमिका होने जा रही है?
राज्य स्तरीय प्रशासन में मुख्य सचिव और भूमिका क्या होती है?
आज़ादी के समय दरारे भारत और पाकिस्तान के बीच आज भी झिझक कि वजह बनी हुई है | आज़ादी के बाद नेहरू और पाकिस्तान के निर्माण करता मोहम्मद अली जिन्ना ने अपने भाषण में यह कहा कि वह दुनिया के सभी देशो के साथ मित्रतापुरावक और शांति के साथ रहना चाहते हैं | लेकिन आज़ादी के इतने सालों के बाद भी दोनों देशो के बीच के बीच कभी मधुर संबंध नहीं बनते हालाँकि संभवतः व्यापरिक संबंध दोनों देशो के बीच अब भी टिके हुए हैं |
साल
2017 की रिपोर्ट कि माने तो भारत पाकिस्तान से 488.5
मिलियन डॉलर की कीमत के लिए बनाया था | 2017 की रिपोर्ट में कहा गया था कि इनमे गड़बड़ मेवे मेन्सेल, टरबूज और अन्य फल थे,
इसलिए भारत ने 63 करोड़ के फल का आयात किया था | पाकिस्तान से आने वाले फल कश्मीर के रास्ते राजधानी दिल्ली के बाजों तक रजिस्टर है
ठिकाना और सेंधा नमक भी आयात करता है भारत में बिकने वाले बिना समझ का उत्पादन पाकिस्तान में होता है, पाकिस्तान का नमक, सल्फर, पत्थर और भी भारत में बेरिक बिकता है, व्रत में इस्तेमाल होने वाल सेंधा नमक पाकिस्तान से ही लगता है , इसके अलावा मुल्तानी मिटटी भी पाकिस्तान से ही दिखाई देती है जो सौन्दर्य प्रबोधन में उपयोग में लाई जाती है |
पाकिस्तान से भारत ये चीज बनती है जैसे ;
द्रवित मेवा मानसिक
सीम्नेट
सेंधा नमक
लिं
पत्थर
चश्मों के ओजिपैलस
कोटन
स्टील
उपमा का सामान
गैर रासायनिकी और धातु यौगिक
पहली विदेशी रियासतों का खुद को स्वतंत्र समझ लेना
ख दूसरा कश्मीर माई |
देशी रियासतों की समस्या : आज़ादी के बाद 560 देसी रियासतों के भविष्य का प्रशन एक गंभीर समस्या बन गई थी | उनके शासकों को यह स्वतंत्रता थी कि वह अपने भविष्य का निर्णय स्वयं ले | अधिकतर राजा और नवाब ब्रिटिश सरकार के प्रति निष्ठा रखते थे और उन्होंने स्वतंत्रता आन्दोलन का दमन किया था और अपनी जनता को अधिकारों से वंचित कर दिया था | ऐसे में अपनी बुद्धि का परिचय देते हुए सरदार पटेल ने लगभग 567
समझाबुझा कर दियादेसी
रियासतों का भारत में विलय करवा लिया था | पांच रियासतों ने पाकिस्तान में शामिल
होने का निरणय लिया था | विलय के प्रशन पर तीन रियासतों ने जूनागढ़ , हैदराबाद , और
जम्मू कश्मीर ने कोई स्पस्ट निर्णय नहीं लिया जिसके चलते विवाद कायम हुआ और
काश्मीर का मुद्दा यंही से पैदा हुआ | जूनागढ़ ने पाकिस्तान में शामिल होने का
निर्णय लिया लेकिन वह चारो तरफ से भारत के प्रदेशो से घिरा था जिसमे पाकिस्तान ने
कोई रूचि नहीं ली | जब जूनागढ़ में अराजकता कि स्तिथि पैदा हुई तो भारतीय सैनिक ने
कार्यवाही कर वंहा स्त्तिथि पर काबू पा लिया नवाब भाग कर पाकिस्तान चला गया और रियासत
के दीवान ने भारत में विलय का पर्स्ताव किया सन 1948
के
आरंभ में एक जनमत संग्रह कराया गया जिसमे भारी बहुमत से लोगो ने भारत में विलय
होने कि सहमती जताई और जूनागढ़ को भारत में
विलय कर लिया गया | पाकिस्तान ने इसमें हस्तक्षेप करते हुए इस मसले को अंतराष्टीय मंच पर उठाने का असफल
प्रयास किया | ऐसा ही कुछ हाल दक्षिण भारत के देशी रियासत हैदराबाद के निज़ाम का था
या काफी बड़ा राज्य था और चारो तरफ से भारत के प्रदेशो से घिरा था इसके समीप मैसूर
राज्य पहले ही भारत में विलीन हो चूका था | हैदराबाद का शासक दुनिया के सबसे अमीर
शासको में एक था | हैदराबाद का निजाम अपने रियासत को स्वतंत्र देश घोषित करने कि
योजना कर रहा था | उसने दो करोड़ रुपये पाकिस्तान को उधर दिया था जिसके चलते ये बात
उठ रही थी वह आपने राज्य को पाकिस्तन में विलय करवा सकता है | लेकिन जिन्ना निजाम पर विश्वास नहीं कर सकते थे क्यूंकि
जूनागढ़ कि तरह हैदराबाद में भी हिदू बहुसंख्यक संख्या में थे |
इसी
बीच हैदराबाद के कट्टरपंथी संगठन के नेता कस्सिम रिजवी के नेतृत्व में रजाकारो ने
राज्य में आतंक मचाकर राज्य में शांति और क़ानून वाव्स्था भंग कर दी थी देश भर में
ये मांग उठी कि केंद्र को हस्तेक्षेप करके स्तिथि को नियंत्रण में लानी चाहिए और
सन 1948 में गृहमंत्री सरदार पटेल ने बिना प्रधानमंत्री नेहरू को विश्वास में लिए ऑपरेशन
पोलो शुरू कर सैनिक कार्यवाही कि इस डर
में कि कंही नेहरू मना न कर दे और भारतीय सेना ने चौबीस घंटे में स्तिथि पर काबू
पा लिया किन्तु पुरे राज्य को काबू पाने
में पुरे पांच दिन लगे | उस समय निजाम ने भारत के साथ विलय होने कि बात स्वीकार कर
ली |
तीसरी समस्या जम्मू और कश्मीर के विलय को लेकर है किसकी समस्या आज तक भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद कि वजह बनी है देश कि आज़ादी के 75 साल हो गए हैं लेकिन हाई कशिर विवाद आज भी कायम है | कश्मीरी पर हम अपने अगले लेख पर बात करेंगे |