Ramjaan कब से शुरू 2023
रमजान 2023 कब से शुरू है ?
इस रमजान लोगो सवा 14 घंटे का रोज़ा नसीब होगा , रमजान के इस महीने
में रब कि नेमत पाने वालो के लिए बेहतरीन मौका है ,जाने पहला रोजा उसके शहरी और
इफ्तार का टाइम
इस बार रहमत और बरकत का महिना(ramzan 2023) रोजा 23 मार्च से शुरू होने वाला है | अल्लाह ने अपने बन्दों को अपने इबादत
और रहमत दरवाजा इस महीने में खोल देता है | दुनिया के हर मुसलामन पर रोज़ा फर्ज है
, रमजान का यह महिना बहुत बरकत वाला होता है यह इस्लामी कैलंडर का नौवा महिना होता
है , और यह चाँद के ऊपर है कि वह किस दिन दीखता है हर मुसलमान जवान बच्चे और मर्द
और औरत दोनों पर रोजा फर्ज है | इस फ़ज़ीलत वाले महीने को हर कोई अपनी झोली में भरना
चाहता है और अपने रब को राजी करना चाहता है |
इस महीने में (ramzaan
2023) रब अपने बन्दों के लिए दोजग के दरवाजे बंद कर देता है और उनपर उनकी
कसरत और ईमान कि रौनक को देख कर उनपर अपनी रहमत का खाजन खोल देता है | हर मुसलमान
को चाहिए कि वह अपने रब को इस बा बरकत वाले महीने में राजी कर ले और अपने गुनाहों
से तौबा कर इस्लाम के दायरे में अपना पूरा जीवन गुजर बसर करे ? हर इंसान कि बस कि
बात नहीं अपने रब को राजी कर पाना इस लिए बहुत से मुसलमान इस बरकत वाले महीने को
पाकर भी महरूम रह जाते है |
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सहरी और इफ्तार का समय (sahari or iftaar ka time2023) : पहले
रोजे का सहरी का समय भोर 4
बजकर 33
मिनट पर होगा , और पहली रोजे का इफ्तारी का टाइम 6 बजकर 13 मिनट पर होगा
रमजान के महीने में इबादत के रास्ते क्या है ?
रोज़ा रखना : रोजा हर उस दंदुरस्त मुसलमान पर फर्ज है, जो बालिग है , तन्दुरुस्त है , जो बीमार नहीं है या
फिर किसी ऐसी अवस्था में है जिसके वजह से रोजा रखने लायक नहीं , रोजा रखने से लोग
अपने रब इनायत कि हुई हर चीज का अहसास करवाती है , और अपने रब कि बड़ाई बयाँ कराती
है , और दुनिया और आखिरत में इन्सान को इन्सान होना सिखाती है |
कुरान कि तिलावत कर अपने रब कि बड़ाई बयाँ करना : इस
महीने में ही कुरान नाजिल हुआ | जिसको हजरत जिब्रील अल्लाह के रसूल पैगम्बर को
पढाकर उनके दिल में महफूज कर दिया | और कुरान कि रोशनी में इस्लाम रोशन हुआ कि आज
हर और इस्लाम के दीवाने है और लोग मुसलमान होने को अमादा है , अपने रब के करीब आने
के लिए मिन्नते करते है और अपने रब से फरियाद करते है वह उन्हें अपने पनाह में ले
ले |
नमाज़ कायम कर अपने रब से अपने गुनाहों कि तौअबा माँगना : हर
मुसलमान बन्दे पर अपने रब कि तरफ से नामज़ कायम करना रब कि एक खास नेमत है जिसको रब
ने अपने बन्दों को दिया और ताकि वह रब कि बड़ाई बयाँ कर सके और रब से अपने गुनाहों
कि तौबा कर सके |
जकात देना : जकात देना याने के अपने कमाए हुए माल का एक
हिस्सा खुदा कि राह में खर्च करना , उन जरुरत मंदों को देना जो यतीम है जो नाकाबिल
है शारीरक रूप से , रब अपने बन्दे कि इस अदा को खूब पसंद करता है कि आपके पास एक
रोटी का टुकड़ा हो और कोई भूखा आपके पास आकर रोटी कि तलब करे और आप उसे वह निवाला अपने
रब को राजी करने के लिए उस बन्दे को दे कुरान रब कि बड़ाई बयाँ करंता है कि और है
रब हर किसी के रिजक को पैदा करने वाला है |
अपने रबको राजी करने तरीके : यह सभी तरीके अपने रब को राजी करने के है | और
अपने ईमान को तजा करने और रब के बारगाह में हाजिर हो कर अपनी गुनाहों से तौबा कर नमाज कायम कर , कुरान पढ़ कर और प्यारे मुस्तफा
सल्लाह अल्लाह अल्लैही वाल्लस्म के वजीफे को कायम रखना हर मुसलमान और नेक बन्दे पर
एक अच्छे और नरम दिल मुसलमान होने कि गवाही है |
अल्लाह सभी को मुसलमान को इस बा बरकत वाले महीने में अपने रब कि
इबादत करने कि तौफीक अता फरमाए |
अजहर