What is Tashkand samjhauta? ताशकंद समझौते के बारे में पूरी जानकारी 2023
ताशकंद समझौता घोषणा।
इस लेख में हम जानेंगे कि ताशकंद समझौता क्या था? और यह कब हुआ था? और किन दो देशों के बीच ये समझौता किया गया था? और कैसे भारत ने इस समझौते के कुछ घंटों के बाद अपना प्रिय प्रधान मंत्री खो दिया था?इस युद्ध के चलते भारत को कितनी हानि हुई थी?
ताशकंद समझौता क्या है?
"ताशकंद समझौता" 10 जनवरी, 1966 को ताशकंद, उज्बेकिस्तान में भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित ताशकंद घोषणा को संदर्भित करता है। घोषणा एक शांति समझौता था जिसे 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध को हल करने के लिए हस्ताक्षरित किया गया था।
ताशकंद घोषणा पर भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने सोवियत संघ के प्रधान मंत्री कोसिगिन की मध्यस्थता में हस्ताक्षर किए थे। घोषणा में कई बिंदु शामिल थे जैसे युद्ध पूर्व पदों पर सैनिकों की वापसी, युद्ध के कैदियों की रिहाई, और शांतिपूर्ण तरीकों से भारत और पाकिस्तान के बीच सभी विवादों को हल करने की प्रतिबद्धता।
हालाँकि, ताशकंद घोषणा कश्मीर मुद्दे को हल करने में विफल रही और भारत और पाकिस्तान के बीच समग्र संबंध तनावपूर्ण बने रहे। फिर भी, ताशकंद घोषणा को भारत-पाकिस्तान संबंधों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है क्योंकि इसने दोनों देशों को एक साथ आने और अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत में शामिल होने का अवसर प्रदान किया।
मुझे ताशकंद समझौता नौ बिंदुओ के बारे में बताएं ।
10 जनवरी, 1966 को भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित ताशकंद घोषणा में निम्नलिखित 9 बिंदु थे :
1 दोनों देश सभी शत्रुता को समाप्त करने पर सहमत हुए और शांतिपूर्ण तरीकों से अपने मतभेदों को हल करने का वचन दिया।
2 दोनों पक्ष संघर्ष के परिणामस्वरूप 5 अगस्त, 1965 से पहले की स्थिति में अपने सशस्त्र बलों को वापस लेने पर सहमत हुए।
3 दोनों पक्ष युद्ध के सभी कैदियों और असैन्य बंदियों को रिहा करने और संघर्ष के दौरान जब्त किए गए क्षेत्र को वापस करने पर सहमत हुए।
4 दोनों पक्ष राजनयिक संबंधों को फिर से शुरू करने पर सहमत हुए, जो युद्ध के दौरान टूट गए थे, और दोनों देशों के बीच सामान्य संबंधों को बढ़ावा देने के लिए चर्चा में शामिल होने के लिए सहमत हुए।
5 दोनों पक्ष जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम बनाए रखने पर सहमत हुए।
6 दोनों पक्ष यह सुनिश्चित करने के लिए सहमत हुए कि उनके संबंधित क्षेत्रों का उपयोग दूसरे पक्ष के खिलाफ शत्रुतापूर्ण प्रचार के लिए नहीं किया गया।
7 दोनों देशों से संबद्ध अन्य मामलों पर सिफारिशें करने के लिए संयुक्त भारत पाकिस्तान दलो की स्थापना की जाएगी।
8 दोनो देशो कर बीच आर्थिक व व्यापारिक संबंध दूर संचार वव्यस्था तथा संस्कृति आदान प्रदान पुन : स्थापित किए जाएंगे।
9 दोनो देशों में अच्छे पडोसियो के संबंध कायम करने का प्रयास करेंगे।
इन्हे भी पढ़े :
ताशकंद समझौता क्यों हुआ था?
दोनों पक्ष अपने लोगों के बीच समझ और मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने पर सहमत हुए।
दोनों पक्ष दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक मामलों पर चर्चा करने पर सहमत हुए।
दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि समझौता तीन महीने बाद समीक्षा के अधीन होगा, किसी भी बकाया मुद्दों को हल करने के लिए आगे की बातचीत की संभावना के साथ।
1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध को हल करने के लिए 10 जनवरी, 1966 को भारत और पाकिस्तान के बीच ताशकंद घोषणा पर हस्ताक्षर किए गए थे, जो दोनों देशों के बीच सीमा पर विवाद के कारण टूट गया था। संघर्ष अगस्त 1965 में शुरू हुआ था और लगभग चार सप्ताह तक चला, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों में जान-माल का काफी नुकसान हुआ।
भारत पाकिस्तान युद्ध कितने दिनों तक चला?
भारत और पाकिस्तान के बीच 23 दिन चले इस युद्ध में भारत की सेनाएं बहुत बहादुरी के साथ लडी और उन्होंने अमेरिका से मिले , पैटन टैंको को बहुत हानि पहुंचाई। भारतीय रक्षा मंत्रायलय के अनुसार भारत के 2,226 अधिकारी और जवान मारे गए और 7,780 घायल हुए, । पाकिस्तान के लगभग 5,580 सैनिक मारे गए। भारत के 300 टैंको को हानि हुई और दोनो देशों ने 50-50 विमान खो दिए ।इस युद्ध को बीच में ही रोक देने से किसी भी देश की निश्चित जय या पराजय नही हुई । फिर भी भारत अधिक शक्तिशाली देश के रूप में उभरा।
भारत ने पकिस्तान का लगभग 750 वर्गमील क्षेत्र छीन लिया था परंतु सोवियत संघ के प्रधान मंत्री के सुझाव पर हुए ताशकंद से जीती हुईं भूमी वापस करनी पड़ी।और इसी समझौते पर भारत के प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने हस्ताक्षर के कुछ घंटो के बाद दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया और भारत ने अपना एक अच्छी छवि वाला नेता और प्रधान मंत्री खो दिया।