What is Regional Imbalance क्षेत्रीय असंतुलन क्या है? 2024.
क्या आप जानते है कि क्षेत्रीय असंतुलन क्या होता है? आप में अधिकतर लोग इस प्रशन को सुनकर थोड़ा नाक सिकोड़ लेंगे और या फिर अपना सर खुजाने लगेंगे और या फिर आसमान में इधर उधर निहारने लगेंगे । खैर घबराइए नहीं इस प्रशन का आपको भली भांति ज्ञान होना ही चाहिए क्योंकि आप सब एक राष्ट्र में या फिर एक देश की छत्र छाया में रहते है और उसके एक जिम्मेदार नागरिक भी है ।
जिसकी अपनी जमीन है, जिसका अपना झंडा है, जिसकी अपनी मुद्रा है, जिसकी अपनी राजनीतिक पार्टीयां है,जिसकी अपनी चुनी या पारंपरिक सरकार है और हर सरकार अपने देश के नागरिकों का विकास करने के वादे के साथ सरकार में आती है और अपने कार्यकाल में अपने देश के हर राज्य जिले और ब्लॉक का विकास करने का संभवत प्रयास भी करती है लेकिन उसके बावजूद भी संतुलित विकास नही हो पाता ! "जी हां संतुलित विकास ।"
आइए हम इसे भारत के संदर्भ में समझते है।
दुनिया में वर्तमान समय में सबसे अधिक आबादी वाला देश भारत है किंतु 2023 से पूर्व उससे पहले चीन दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश था। भारत क्षेत्रफल की दृष्टि से दुनिया का सातवां देश है। सन 1981 में भारत की आबादी 68 करोड़ थी , जो सन 1991 में बढ़कर 84 करोड़ 63 लाख हो गई, और 11 में 2000 में भारत की जनसंख्या 100 करोड़ को पार कर गई , और 2023 में यह बढ़कर 142.83 करोड़ के लगभग पहुंच गई है। जबकि वर्षो से सबसे अधिक आबादी की पहचान रखने वाला देश चीन 142.57 करोड़ की जनसंख्या के साथ दूसरे पायदान पर आ गया है।
आबादी बढ़ने के वजह से अन्न,जल और ऊर्जा, यातायात और नौकरी जैसे संसाधनों पर बहुत अधिक दवाब बढ़ गया है। ऐसे में देश के हर राज्य या जिले में उस तरह से विकास नही हो पा रहा है जैसा की होना चाहिए। और ऐसे में आने वाले समय में लोक सभा के चुनाव होने है। वर्तमान में चल रही लोक सभा का कार्यकाल 16 जून 2024 को समाप्त होने वाला है जिसका नेतृत्व वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे है। शायद अब तक क्षेत्रीय असंतुलन विकास का कुछ मतलब समझ आ ही गया होगा ? अगर नही तो चलिए सरल शब्दों में इसे समझ लेते है एक लोकतांत्रिक देश के जागरूक नागरिक होने के नाते।
क्षेत्रीय असंतुलन से क्या मतलब है ?
सरल शब्दों में कहें तो संतुलित विकास के अभाव को ही असंतुलन कहा जाता है । आप असंतुलन को ऐसे भी समझ सकते है जैसे लोग की आय में विषमता, शहर तथा गांवो के विकास में अभाव, तथा देश के विभिन्न राज्यों में संसाधनो का अभाव होना जैसे दिल्ली के नागरिकों को अपने जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए रोजगार, आवागमन,चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र के संसाधन का उचित मात्रा में होना जबकि यूपी और बिहार के राज्यो में इनका अभाव होना ही क्षेत्रीय असंतुलन को दर्शाता है।
संतुलित विकास का यह अर्थ बिलकुल भी नहीं सभी प्रदेशों में रहने वाले लोगों का एक जैसा जीवन स्तर हो। अलग अलग प्रदेशों के संसाधनों में भिन्नता के कारण विषमताएं तो रहेंगी ही, पर यह जरूरी है की हर क्षेत्र के साधनों का ज्यादा से ज्यादा विकास किया जाए ताकि उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठ सके। शायद अब आपको यह समझ आ गया होगा? अब ऐसे में आपके मन यह सवाल भी जरूर पैदा हो गया होगा कि आखिर क्षेत्रीय विषमताओं को कैसे मापे?
क्षेत्रीय विषमताओं के मापने के कुछ माप दंड एक जागरूक नागरिक होने के नाते।
जैसा की भारत देश के सभी नागरिकों को इस बात की जानकारी है 2024 में लोक सभा के चुनाव होने वाले है ऐसे आपके सांसद द्वारा आपके संसदीय क्षेत्र में विकास और रोजगार और यातायात शिक्षा और सुरक्षा और चिकित्सा जैसे ढेरों वादे किए गए होंगे और अब तक उनमें से कितने की सेवा आपके संसदीय क्षेत्र के नागरिकों के जीवन को बेहतर कर रही है उसके परिणाम स्वरूप आपको इसकी भली भांति जानकारी हो ही जाएगी।
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