फिरोज शाह कोटला किला जिन्न वाली मस्जिद क्यों कहते है?
यह जो आप तस्वीर देख रहे है , यह फिरोज़ शाह कोटला किला की तस्वीर है, जो राजधानी दिल्ली के दिल्ली गेट से महज चंद कदमों की दूरी पर है ,इसके नजदीक बस स्टैंड दिल्ली गेट है और नजदीकी मेट्रो स्टेशन भी दिल्ली गेट ही है, जो वॉयलॉट लाइन मेट्रो का हिस्सा है और इसका गेट नंबर एक और पांच इसके सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन है। राजधानी दिल्ली ने अपनी गोद बहुत सी ऐतिहासिक धरोहर को संजो रखा है , उनमें से ही एक है यह किला।
किसने और कब बनवाया था यह किला?
इस किले को फिरोज़ शाह तुगलक ने 1354 ईसवी सन् के लगभग बनवाया था। जिसका अस्तित्व आज भी बरकार है। लाल पत्थरों से बना हुआ है इसका जो प्रवेश द्वार है वो बहादुर शाह जफर मार्ग की तरफ है, इस किले में एक बावली , प्राचीन अशोक स्तंभ और एक मस्जिद है जो एक चबूतरे पर बनी है और जिसके निचले हिस्से में छोटे छोटे ठहरने के लिए गलियार और कमरे जैसे कुछ खाने से बने है । हांलकी उसकी 15 मीटर ऊंची दिवारे आज भी मजबूती के साथ अपने होने की गवाही दे रही है और मस्जिद के पिछले हिस्से में राजा के रहने के लिए महल भी था जो अब खंडर हो चला है। लेकिन इस किले साथ एक बेहद ही दिलचस्प किस्सा जुड़ा है। लोग इसे के अंदर मस्जिद को जिन्न वाली मस्जिद कहते है।
मैने इस बात की तस्दीक करनी चाही और मैंने इस किले की जियारत की मेरी चाह थी इस रूहानी की किस्से की हकीकत को जानने और समझने की इसलिए 8 मार्च 2024 के दिन मैंने इस किले के अंदर चहल कदमी की और जानना चाहा कि क्या सच में इस किले के अंदर जिन्न का वास है?
फिरोज शाह कोटला किला मुख्य द्वार। |
हमने अपना पहला सवाल गेट पर बैठे गार्ड साहब से ही पूछा कि क्या यन्हा पर जिन्न के वास होने के बात सच है? गार्ड साहब ने कहा हम पिछले कई सालों से यन्हा काम कर रहे हमे कभी ऐसा अनुभव नही हुआ, लेकिन लोग अपनी आस्था और मन्नत और परेशानी लेकर यन्हा जरूर आते है। और वह अपनी शिकायत जिन्न मामू के दरबार में पेश करते है।
अगर बत्तियां जलाते है और नमाज़ पढ़ते है और अपनी हजारी लगा कर अपनी परेशानी बयान करते है, और अपनी मुरादे पुरी करवाते है , ऐसी बाते आपको इंटरनेट पर मौजूद ढेरो वीडियो में मिल जायेंगे। लेकिन मैने यन्हा आकर जो देखा वो सुरते हाल आपको पेश बताता हु।
जिन्न वाली मस्जिद 2024. फिरोज शाह कोटला किला. |
यन्हा लोग आते तो है, किला को देखने और अपनी आस्था के साथ क्योंकि इस किले में जो मस्जिद है । जो काफी खूबसूरत और हवा दार है जिसके तीन हिस्से दीवारों से घिरे हुए और एक हिस्सा खुला हुआ है जो की पूर्वी दिशा में है जिसमे जुम्मे की नमाज भी अदा की जाती है, लोग सच में यन्हा अपनी मन्नत और मुराद लेकर आते है और वह मस्जिद के निचले पर अगर बत्ती जलते हुए मिले और वह हिस्सा काफी खुशबूदार थी लोग मिले जो चिराग और अपनी अर्जियां लगाते हुए नजर आए। मैने यह बात मस्जिद की साफ सफाई करने वाले लोगो से भी पूछा तो उन्होंने ने भी यही कहा की लोग इसको ऐसा मानते है, और उनकी इसमें गहरी आस्था है । जिसके चलते वह अपने दुख और परेशानियां लेकर यन्हा आते है।
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