मिर्ज़ापुर की गोद में बसा खुबसूरत जल निकासी कुशहरा जलप्रपात|
Mirzapur kushahara foutain lalganj
यह जो खुबसूरत सी तस्वीर आप देख रहे हैं, यह उत्तर प्रदेश की धरती गंगा किनारे बसे शहर मिर्ज़ापुर के कुशहरा झरने की है, जो राजधानी दिल्ली से लगभग सात सौ किलोमीटर की दूरी पर है, अगर आप घुमक्कड़ हैं और अपने दैनिक जीवन की आप धापी से थोडा सा टाइट हो गए हैं, और अटकल की तलास में है तो आप मिर्जापुर जो कि कभी काली और पीतल के व्यापार के लिए बहुत प्रसिद्ध था और भारी मात्रा में यहां दोनों का उत्पादन किया गया था | जो कि अब विलुप्त होने के दृष्टांतों पर है|
उत्तर प्रदेश के गोद में विंध्यपर्वत का पहाड़ो से शहर का प्राकृतिक नजारा दिखता है, आप तस्वीरों में बादलों के नीचे बहते निर्मल पानी को निहार सकते हैं, इन खूबसूरत तस्वीरों को देखने से आंखों में एक नई सी चमक उठती है| जी आता है कि अपने हाथों से इन बादलों को हाथों में भरकर चूम लूँ | वैसे तो यह झरना हमेशा बहता रहता है लेकिन जब बारिश का मौसम होता है तो बस इसकी सुन्दर छवि निहारते ही बनती है, चारो तरफ हरियाली और चट्टान से गिरती धारा मानो हमें अपनी ओर खींच रही है, और प्रकृति की प्रकृति अपने होने का दंभ भर रही है, यह कम ऊंचाई वाला फाउंटन जिला मिर्ज़ापुर शहर से लगभग 38 से
40 किमी की दूरी पर स्थित है
अगर मिर्ज़ापुर के आस-पास के इलाके से और घूमने की शौक़ीन और आपका कभी विन्ध्याचल धाम या कन्तिश सरफ़ज़ बाबा की दरगाह पर आना हो तो आप यहाँ के नज़ारे का लुत्फ़ हुए न भूले |इसके जाने का मार्ग इलाहाबाद और मीरज़ापुर हाईवे के बीच गैपुरा और मांडा रोड ब्लॉक जो इसकी ओर ले जाता है अगर मीरजापुर की ओर से जा रहे हैं तो आपको गैपुरामार्ग बेहतर होगा और अगर आप इलाहाबाद की जानिब से जाते हैं तो आपको मांडा रोड मार्ग से बेहतर माना जाता है| यह मिर्जापुर के लालगंज इलाके में रहता है, फिल्हाल मांडा रोड वाले मार्ग पर अभी भी काम चौरीकरण का काम चालू है| और यह क्षेत्र अभी इतना विकसित नहीं है कि इसके पास दुकान मीलों के लिए आपका खाना पीने का एकाउंट पहले ही रखा जाएगा यंहा के स्थानीय लोग अब यंहा देखने के लिए आप परिवार या दोस्तों के साथ घूमने फिरने और नहाने आते हैं अपने भोजन का इन्तेजामात भी साथ में लेकर आते हैं|
मिर्ज़ापुर में घूमने के चक्कर से और भी जगह है
जैसे तारकेश्वर महादेव, महा चतुर्भुज, शिवपुरी, सितारकुंड, चुनर का किला, गुरुद्वारा बाग, पुन्य जल नदी, टोंडा फाल, कंतीशफ सरराज दरगाह, रामेश्वर मंदिर, कुशहरा फाल, सिरसी बांध, विंदम फाल, सिद्धनाथ की दरी, खंडंजा फाल|
कब विजिट कर सकते हैं आप यहां?
तो मैं समय और प्रकृति की सुंदरता को निहारने के बारे में बता रहा हूं कि आप हलके बारिश के मौसम में यहा आ सकते हैं, या फिर झिलमिलाहट शुरुआती मौसम में यंहा आ गई|
यांहा आने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से ट्रेन आती है क्योंकि अधितर लोगो को संभव है कि दिल्ली हावड़ा मेन रेल पर ही स्थिति है और यही पागल और अच्छा साधन है यंहा आने का
लेकिन आप इन जगहों पर अपनी किसी जानकारी का सहयोग लेकर इन जगहों पर अकेले नहीं देखें|
अजहर की कलम से.....
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